वाशिंगटन। अमेरिका (America) के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन (Donald Trump administration) को अमेरिकी कोर्ट (American Court) की एक भारतवंशी जज (Indian origin Judge) ने तगड़ा झटका दिया है। संघीय जज ने गुरुवार को संयुक्त राज्य अमेरिका (United States America) में रह रहे हजारों क्यूबाई, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के लोगों की कानूनी संरक्षण देने वाली स्थिति को रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी है। इस फैसले से लाखों प्रवासियों के राहत मिली है। डोनाल्ड ट्रंप के पूर्ववर्ती बाइडेन ने इन प्रवासियों को अमेरिका में दो साल तक रहने की मोहलत दी थी।
बोस्टन में यूएस डिस्ट्रिक्ट जज भारतवंशी इंदिरा तलवानी ने ट्रंप प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि होमलैंड सिक्योरिटी का फैसला कानून की गलत व्याख्या पर आधारित था। उन्होंने कहा कि किसी भी कानून के तहत उन लोगों को अमेरिका से निकाला जा सकता है जिन्होंने अवैध रूप से सीमा पार की हो… इसमें उन लोगों को हाथ नहीं लगाया जा सकता जिन्हें सरकार ने पहले से ही दो वर्ष की मोहलत दी हो।
बराक ओबामा प्रशासन द्वारा नियुक्त जज तलवानी ने कहा कि अगर प्रशासन इन लोगों पर कार्रवाई करता है। तो वह उन लोगों पर ध्यान नहीं दे रहा जो अवैध रूप से आए हैं.. बल्कि उन लोगों पर निशाना साध रहा है, जिन्होंने नियमों का पालन किया है और जो अभी भी नियमों के अनुसार ही अमेरिका में रह रहे हैं।
तलवानी का यह फैसला ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी न्याय व्यवस्था के बीच में एक नई तना-तनी की शुरुआत करता है। ट्रंप इस फैसले के जरिए बाइडेन के उस फैसले को पलटना चाहते थे, जिसमें उन्होंने यूक्रेनी, अफगान, क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के प्रवासियों को देश में प्रवेश की अनुमति दी थी।
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