वाशिंगटन। चीन भारत की उत्तरी सीमाओं पर ‘दोहरे इस्तेमाल’ के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। ये जानकारी अमेरिका ने भारत को दी। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने भारत-अमेरिका 2+2 बैठक से पहले भारत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि भारत की उत्तरी सीमाओं पर “दोहरे इस्तेमाल के बुनियादी ढांचे” का निर्माण करके चीन इंडो पैसिफिक की सुरक्षा को कम कर रहा है।
उन्होंने कहा, “बीजिंग आपकी सीमा पर दोहरे इस्तेमाल वाले बुनियादी ढांचे के निर्माण से इंडो पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा को कम कर रहा है। हम आपकी संप्रभुता की रक्षा करते हुए आपके साथ खड़े रहेंगे।” अमेरिका ने लद्दाख गतिरोध के दौरान तत्काल सर्दियों के कपड़ों के साथ मदद करने के अलावा इंडिया प्रीडेटर ड्रोन और अन्य हाई-टेक उपकरण दिए हैं। भारत का चीन के साथ लद्दाख में जारी गतिरोध अभी भी जारी है।
इंडो-पैसिफिक में चीनी आक्रमण और सहयोग के अलावा, दोनों पक्षों ने यूक्रेन संघर्ष, मेक इन इंडिया पहल और वैश्विक साझेदारी सहित रक्षा संबंधों में वृद्धि पर भी चर्चा की। चीन द्वारा क्षेत्र एवं अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अपने हितों के हिसाब से बदले जाने का प्रयास करने का उल्लेख करते हुए ऑस्टिन ने कहा कि दोनों देशों (अमेरिका-भारत) ने हिन्द प्रशांत में अपनी सैन्य परिचालन पहुंच को बढ़ाने एवं साथ मिलकर करीबी समन्वय बढ़ाने के नए अवसरों की तलाश की है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा ‘‘हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अमेरिका, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत को रक्षा उद्योग प्रमुख के तौर पर एवं क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में सहयोग दे रहा है।’’ भारत, अमेरिका ने अंतरिक्ष में स्थिति को लेकर जागरूकता संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किया।
भारत और अमेरिका ने अंतरिक्ष में स्थिति को लेकर जागरूकता संबंधी एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये जिससे दोनों देशों के बढ़ते रक्षा सहयोग में एक नया अध्याय जुड़ा है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने यह बात कही। इस समझौते पर सोमवार को टू प्लस टू मंत्री स्तरीय बैठक से इतर दोनों देशों के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। इस बैठक की सह-मेजबानी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने की थी। इसमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाग लिया।
टू प्लस टू मंत्री स्तरीय बैठक के बाद ऑस्टिन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कुछ ही समय पहले हमने अंतरिक्ष में स्थिति को लेकर जागरूकता संबंधी एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये और इससे हमें अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग एवं सूचनाओं का आदान-प्रदान बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग गहरा कर रहे हैं जिसमें इस वर्ष के आखिर में प्रशिक्षण तथा अभ्यास आदि शामिल हैं। हम विविध क्षेत्रों में गठजोड़ के माध्यम से सूचनाओं के आदान प्रदान को बढ़ा रहे हैं।’’ ऑस्टिन ने कहा कि दोनों देशों की आज महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता है जो अंतरिक्ष, साइबर क्षेत्र सहित उभरते रक्षा क्षेत्र में सहयोग तथा प्रौद्योगिकी संबंधी नवाचार को बढ़ावा देगी ।
उन्होंने कहा ‘‘उदाहरण के तौर पर हम इस वर्ष के आखिर में नये रक्षा अंतरिक्ष आदान प्रदान को शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे अंतरिक्ष कमान और भारतीय रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के बीच होगा।’’ उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन भारत की सुरक्षा संबंधी विभिन्न प्राथमिकताओं को सहयोग देने तथा सुरक्षा प्रदान करने की अपनी भूमिका को लेकर नयी दिल्ली के साथ मिल कर काम कर रहा है।
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