वॉशिंगटन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी(American Space Agency) NASA रिसर्चर्स की मदद से चांद पर टेलिस्कोप(Telescope) लगाने का प्लान बना रही है। इसे लूनर क्रेटर रेडियो टेलिस्कोप(Lunar crater radio telescope) (LCRT) कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि इसे प्योर्टो रीको के Arecibo टेलिस्कोप की तर्ज पर बनाया जा रहा है जो दिसंबर में ढह गया था। इस टेलिस्कोप में एक बड़ा सा डिश अंतरिक्ष से रेडियो वेव लेगा और उन्हें ऐम्प्लफाई करेगा जिससे वैज्ञानिक इन सिग्नल्स को स्टडी कर सके। चांद पर लगे टेलिस्कोप को धरती की तुलना में कम शोर सुनना पड़ेगा जो इसका बड़ा फायदा होगा।
क्यों जरूरी है यह टेलिस्कोप?
Arecibo ने हमारे सौर मंडल के बाहर पहले ग्रह की खोज की थी, शुक्र ग्रह के सतह को देखा और दो ऐसे सितारों की खोज की जिन्होंने अल्बर्ट आइंस्टाइन की जनरल रिलेटिविटी के सिद्धांत को सही साबित किया। हालांकि, धरती के वायुमंडल में 10 मीटर से ज्यादा की वेवलेंथ वाली रेडियो वेव मिल जाती है। इसकी वजह से Arecibo प्राचीन ब्रह्मांड को देख नहीं पाता था। इस टीम को लीड कर रहे NASA के इंजिनियर सप्तऋषि बंदोपाध्याय ने बताया है कि इस दौरान ब्रह्मांड में पहले सितारे बन रहे थे और उससे भी पहले मैटर बन रहा था।
क्या होगा फायदा?
शुरुआती ब्रह्मांड की मदद से डार्क मैटर की उत्पत्ति को भी समझा जा सकेगा। बंदोपाध्याय ने बताया कि 10 मीटर वेवलेंथ के ऊपर ब्रह्मांड कैसा दिखता है, यह अभी नहीं पता। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि इन वेवलेंथ पर क्या मिलेगा। इस टेलिस्कोप के लिए टीम ने कुछ क्रेटर्स का चयन भी किया है। अभी तक का प्लान यह है कि एक क्रेटर के किनारे दो विशाल लैंडर उतारे जाएंगे। एक लैंडर में जाल होगा और एक में रोवर्स होंगे। ये रोवर तार बिछाएंगे जिनके ऊपर टेलिस्कोप का जाल बिछाया जाएगा। बंदोपाध्याय का मानना है कि 10 दिन में ये बॉट्स काम पूरा कर देंगे।
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