कोलंबो । चीन (china) से खास संबंध रखने वाले श्रीलंका (Sri Lanka) की धरती पर अमेरिकी (US ) विदेश मंत्री माइक पोंपियो चीन पर खूब बरसे। कहा, चीन का रवैया गैर-कानूनी और धमकाने वाला है, वह छोटे देशों को धमकी देकर अपने कर्ज जाल में फंसाता है और फिर उनके साथ मनमानी करता है।
पोंपियो ने कहा, अमेरिका एक मित्र की हैसियत से श्रीलंका की संप्रभुता का पक्षधर है और वैश्विक स्तर पर उसे अपना सहयोगी मानता है। अमेरिका हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्वतंत्र आवागमन का पक्षधर है। पोंपियो श्रीलंका पहुंचे अमेरिकी सरकार के सबसे बड़े पद वाले व्यक्ति हैं। पोंपियो ने कहा- श्रीलंका को लेकर अमेरिका का नजरिया चीन से बहुत अलग है।
विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्द्धने के साथ बातचीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पोंपियो ने कहा, श्रीलंका को लेकर अमेरिका का नजरिया चीन से बहुत अलग है। श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ उनकी वार्ता द्वीपीय देश की संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर हुई है। हम दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों वाले देश हैं।
पोंपियो ने श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के भी संकेत दिए। श्रीलंका और मालदीव में अरबों डॉलर के निवेश के भी संकेत दिए। कहा कि अमेरिकी कारोबारी चीन की कंपनियों से बेहतर हैं। अमेरिकी कंपनियां धरती पर सबसे ज्यादा विश्वसनीय सहयोगी हैं, वे तय नियमों पर पारदर्शिता के सिद्धांत पर चलती हैं। अमेरिका लोकतांत्रिक और स्वतंत्र श्रीलंका के साथ हर तरह का रिश्ता बढ़ाना चाहता है।
पोंपियो ने बताया कि उन्होंने श्रीलंका के नेताओं से कोविड महामारी के संबंध में भी बातचीत की है, जो चीन के वुहान शहर से फैली है। पोंपियो ने बताया कि श्रीलंकाई नौसेना के अधिकारी अमेरिका में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। दो कोस्ट गार्ड कटर भी अमेरिका ने श्रीलंका को मुफ्त में दिए हैं। इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ने संबंध बढ़ाने के लिए कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च का भी दौरा किया। यहां पर 2019 में ईस्टर संडे पर हुए आतंकी हमले में सैकड़ों श्रद्धालु मारे गए थे। उनमें पांच अमेरिकी भी थे।
पोंपियो ने उनके प्रति संवेदना का इजहार किया। जबकि श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा कि श्रीलंका अमेरिकी विदेश मंत्री का स्वागत करता है। श्रीलंका हमेशा से गुट निरपेक्ष देश रहा है और वह अपनी यह पहचान बनाए रखेगा।
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