वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) जो बाइडेन (Joe Biden) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के सम्मान में (In Honor) रखा ‘स्टेट डिनर’ (‘State Dinner’) असल में ‘डिप्लोमेसी’ का एक मंच था (Was Actually A Platform for ‘Diplomacy’) । इस ‘डिनर’ में अमेरिका की राजनीति से जुड़े नामचीन लोग तो शामिल हुए ही, बल्कि कई बड़ी कंपनियों के प्रमुख भी शामिल हुए, वहीं सिर्फ अमेरिकी कंपनियों के ही नहीं, बल्कि भारतीय उद्योगपति भी इस डिनर में पहुंचे।
भारत से इस डिनर में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी शामिल हुईं, साथ ही सोशल मीडिया पर छाए रहने वाले उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी शिरकत की, वहीं नई पीढ़ी के उद्योगपतियों में जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ भी इस डिनर में शामिल होने पहुंचे, जबकि कई अमेरिकी कंपनियों के भारतीय मूल के सीईओ भी इस डिनर में ‘बिजनेस डिप्लोमेसी’ करते नजर आए।
‘डिप्लोमेसी’ की यही खासियत होती है जो चिर प्रतिद्वंदियों को भी एक मंच पर ला देती है। यही व्हाइट हाउस के स्टेट डिनर में भी देखने को मिला। गूगल, एपल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां कॉम्पटीशन के मामले में एक-दूसरे की चिर विरोधी हैं, लेकिन इस डिनर में गूगल के सुंदर पिचाई से लेकर एपल के टिम कुक, माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला और एडोबी के शांतनु नारायण भी पहुंचे।
वहीं पेप्सिको की इंदिरा नूयी, नेटफ्लिक्स के बेला बजारिया, डिजाइन कंपनी फ्लेक्स की सीईओ रेवथी अदवैथी, ओपनएआई के सीईओ सैम आल्टमैन, बोइंग के सीईओ डेविड कैलुहन, मैरियट इंटरनेशनल के सीईओ एंथनी कैपुआनो और सुपर बायोलॉजिक्स के मनीष चांदवानी ने भी शिरकत की। अब बात करते हैं डिनर में जुटने वाले इतने उद्योगपति दिग्गजों से इकोनॉमी को मिलने वाले बूस्ट की. तो आपको बताते चलें कि भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, इसलिए दुनियाभर की कंपनियां यहां आने को बेताब हैं, जबकि भारतीय उद्योगपति अब वैश्विक कारोबार में अपना दम दिखा रहे हैं, इसलिए भी डिनर में उद्योगपतियों का इस तरह मिलना काफी अहम है।
बोइंग भारत में टाटा के साथ जेट इंजन बनाने का प्लांट लगा रहा है। देश के तेजी से बढ़ते एविएशन मार्केट के चलते एसे कारोबार विस्तार के लिए भारत का बाजार चाहिए। हाल में एअर इंडिया और बोइंग के बीच 200 से बधिक प्लेन खरीदने की डील भी हुई है। दूसरी ओर एपल ने भारत में अपने स्टोर खोले हैं और मैन्यूफैक्चरिंग भी बढ़ाई है, जबकि गूगल का भारत में बड़ा निवेश है, साथ ही मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स में उसकी हिस्सेदारी भी है।
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