वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन के बीच आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू हो चुकी है। ट्रंप ने दावा किया कि इस साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी, तो जवाब में बिडेन ने कहा कि इतने लोगों की मौत के जिम्मेदार व्यक्ति को राष्ट्रपति पद पर बने रहने का हक नहीं। अमेरिका में कोरोना से 2.20 लाख मौत के बाद ट्रंप को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए।
जो बिडेन ने यह कहते हुए ट्रंप पर निशाना साधा कि ‘एक बडे़ जर्नल ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बर्ताव को पूरी तरह से भयावह बताया है।’ इस पर पलटवार करते हुए ट्रंप ने कहा कि ‘अब तक हमने जो कुछ किया है उसके लिए कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने धन्यवाद दिया है।’ बता दें, अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों के बीच अंतिम बहस से पहले बहस संचालित करने वाले आयोग (सीपीडी) ने नए नियम तय किए हैं। इनके तहत प्रतिद्वंद्वी वक्ताओं के माइक्रोफोन दो मिनट के लिए बंद कर दिए जाएंगे ताकि अपना पक्ष रखने जा रहा उम्मीदवार अपनी बात की शुरुआत निर्बाध तरीके से कर सके। तीसरी और अंतिम बहस का संचालन ‘एनबीसी न्यूज’ संवाददाता क्रिस्टन वेलकर कर रही हैं।
ट्रंप के 2016 के वो शब्द जो उन्होंने फिर दोहराए
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2016 की अपनी हिट प्लेलिस्ट से शब्द चुन-चुनकर इस बार चुनाव प्रचार प्रसार में फिर से उपयोग कर रहे हैं। जैसे बिडन के लिए ट्रंप ने वैसे ही ‘लॉक हिम अप’ कहा, जैसे पिछले चुनाव में हिलरी क्लिंटन के लिए ‘लॉक हर अप’ कहा था। हाल ही में ट्रंप ने कॉन्फ्रेंस कॉल पर अपने कैंपेन के सहयोगियों से कहा, “लोग फौची और इन सभी बेवकूफों को सुनकर थक गए हैं। हर बार जब वह टेलीविजन पर जाता है, तो उसके पास हमेशा एक बम होता है, लेकिन अगर आप उसे हटा दें तो उससे भी बड़ा धमाका होगा। फौची एक आपदा (डिजास्टर) की तरह है।”
मामूली फेर-बदल के साथ ट्रंप 2020 में भी तकरीबन 2016 जैसी ही बातें कह रहे हैं। 2016 में ट्रंप के हारने की भविष्यवाणी करने वाले स्कॉट एडम्स के लिए उन्होंने एनबीसी पर कहा था, “कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है। उनके पास सिर्फ हंसाने वाला सामान है, जो कोई मायने नहीं रखता है।” डॉ. एंथोनी फौची को ‘आपदा’ और वैज्ञानिकों को ‘बेवकूफों का समूह’ कहने के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतों को लेकर भी लिखा। यहां तक कि ट्रंप के ईमेल भी आश्चर्यजनक तौर पर 2016 जैसे लग रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved