वाशिंगटन (Washington)। अमेरिकी कंपनी एनवीडिया (American company Nvidia) ने दुनिया का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ह्यूमनॉइड (The world’s first artificial intelligence humanoid) (इन्सानी आकार का रोबोट) पेश किया है। इंसानों की नकलकर सीखने में सक्षम यह ह्यूमनॉइड एआई और रोबोटिक्स (AI and robotics) की दुनिया में बहुत बड़ी क्रांति है। कुछ ही वर्षों में इसके नतीजे देख पाएंगे, जब सांइस फिक्शन फिल्मों की तरह हमारे आसपास घर और दफ्तरों में रोबोट इन्सानों की तरह तमाम काम कर रहे होंगे। मौजूदा दौर के रोबोट एक काम को बार-बार करने के लिए बनाए गए हैं, लेकिन ये आम इन्सानों की तरह सोच-समझकर इन्सानों से सीखकर काम को अलग-अलग अंदाज में कर पाएंगे।
नाम दिया ग्रूट
जेनरेटिव एआई आधारित इस रोबोटिक हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर परियोजना को जेनेरलिस्ट रोबोट 00 टेक्नोलॉजी (ग्रूट) नाम दिया गया है। इसे ब्लैकवेल बी200 चिप से चलाया जाएगा, जो सबसे शक्तिशाली एआई चिप है। यह पिछली पीढ़ी की होपर एच 100 चिप से 30 गुना तेज है। चैट जीपीटी-4 जैसे जेनेरेटिव एआई लार्ज लैंग्वेज मॉड्यूल को प्रशिक्षित करने के लिए 1.80 ट्रिलियन पैरामीटर की प्रोसेसिंग क्षमता के लिए 8 हजार होपर जीपीयू और 15 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है। वहीं, ब्लैकवेल बी200 से यह क्षमता दो हजार चिप और चार मेगावाट बिजली से हासिल की जा सकती है।
ज्यादा समझदार और कुशल
जीपीयू टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस 2024 (जीटीसी) में कंपनी के संस्थापक जेन्सेन हुआंग ने ग्रूट को पेश करते हुए कहा कि एक बुनियादी एआई ह्यूमनॉइड मॉडल बनाना एआई के क्षेत्र में हल होने वाली सबसे रोमांचक समस्याओं में से एक है। यह कृत्रिम सामान्य रोबोटिक्स (एजीआर) की दिशा में बहुत बड़ी छलांग है। इससे रोबोट अधिक समझदार और कुशल बनेंगे। ये रोबोट इन्सानों की तरह अकेले राह चल पाएंगे। नई परिस्थितियों व कामकाज के लिए अनुकूलन में सक्षम होंगे।
सीखने के तीन तरीके
ग्रूट का शुरुआती प्रशिक्षण आइजक सिम्युलेशन के जरिये किया जाएगा। यह एक रोबोटिक्स सॉफ्टवेयर सूट है। इसके जरिये सिंथेटिक डाटा, धारणाओं को परीक्षण का सिमुलेशन के जरिये रोबोट की गतियों, क्रियाओं और हरकतों से सामंजस्य बैठाया जाता है। इसके अलावा ग्रूट ऑनबोर्ड कंप्यूटिंग सिस्टम जेटसन थॉर के जरिये इन्सानों से बातचीत, उन्हें देखकर और उनके निर्देशों को समझकर लगातार सीखता रहेगा। साथ ही ग्रूट वीडियो के जरिये भी सीख पाएगा।
इन कामों में इस्तेमाल
आर्टिफिशियल जनरल रोबोटिक्स (एजीआर) का मतलब एआई से संचालित ऐसे रोबोट बनाना है, जो आम इन्सान की तरह सामान्य कामकाज कर सके। इन रोबोट से इन्सानों की तरह साफ-सफाई, खाना परोसना, सामान उठाना-रखना, चौकीदारी, पेड़-पौधों में पानी देना, फसल काटना जैसे कामों की अपेक्षा की जा सकती है। मोटे तौर पर ये घर, दफ्तर व फैक्ट्री जैसी जगहों पर इन्सानों के सहायकों के तौर पर काम करेंगे।
कंपनियों को बेचे जाएंगे
कंपनी के मुताबिक, फिलहाल ह्यूमनॉइड मॉडल कारखानों और औद्योगिक जगहों पर इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन्हें लाइब्रेरी, ईकॉमर्स कंपनियों के गोदाम व फैक्ट्रियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा कंपनी का जोर इन रोबोट को सीधे आम लोगों को बेचने के बजाय उन कंपनियों को बेचने पर है, जो एआई रोबोटिक्स में काम कर रही हैं।
2.3 लाख करोड़ डॉलर पहुंचा बाजार मूल्य
नवंबर 2022 में जब ओपन एआई ने चैट जीपीटी को पेश किया, तो एनवीडिया का बाजार मूल्य करीब 300 अरब डॉलर था। जब कंपनी ने होपर एच 100 एआई चिप पेश की, तो इसके शेयर की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया। आज यह कंपनी 2.3 लाख करोड़ डॉलर कीहै। एपल, माइक्रोसॉफ्ट के बाद दुनिया की तीसरी कंपनी है, जो 2 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा कीमत की है।
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