लंदन/बीजिंग। अमेरिकी चुनाव का फैसला (American election decision) आने के साथ ही दुनिया भर के नेता भले ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Newly elected President Donald Trump) को जीत की बधाई दे रहे हैं, लेकिन फ्रांस, स्पेन, ईरान, चीन, इराक, रूस जैसे कई देश इस जीत को अस्थिर करने वाली मान रहे हैं। अमेरिका (America) के कई सहयोगियों को भी डर है कि ट्रंप आव्रजन, जलवायु परिवर्तन, परमाणु संधि और संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता जैसे मुद्दों पर कड़वे फैसले ले सकते हैं। साथ ही चीन (China) के साथ व्यापार युद्ध फिर बढ़ने की आशंका है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) ने ट्रंप को बधाई तो दी, पर यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेद दूर करने का सही तरीका तलाशना होगा। शी ने बधाई संदेश में दोनों देशों में संवाद मजबूत करने, मतभेद दूर करने तथा पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ाने का अनुरोध किया। ट्रंप ने विजयी भाषण में अमेरिका फर्स्ट और स्वर्ण युग लाने का संकल्प लिया है। पिछले कार्यकाल में वह पुराने सहयोगियों का अपमान कर उन्हें अलग-थलग कर चुके हैं। इस कारण चार साल बाद व्हाइट हाउस में उनकी वापसी बढ़ते आर्थिक और रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी चीन के साथ टैरिफ विवाद को बढ़ाने, पश्चिम एशिया में संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच बड़े फैसले ले सकती है। इस बीच, चीन के सरकारी मीडिया ने कहा, दोनों पक्षों को सहयोग से फायदा होता है और टकराव से नुकसान होता है।
नाटो में घबराहट, यूक्रेन चिंतित
नाटो महासचिव मार्क रूट ने कहा, मैं वैश्विक स्तर पर बढ़ती चुनौतियों के बीच शांति बढ़ाने के लिए ट्रंप के साथ फिर काम करने को उत्सुक हूं। ट्रंप पिछले कार्यकाल में नाटो के कड़े आलोचक रह चुके हैं। उधर, रूस के साथ ट्रंप की नजदीकियां पहले भी विवाद में रह चुकी हैं। ऐसे में यूक्रेन को भी ट्रंप के फैसलों का इंतजार रहेगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शांति के लिए साथ काम करने की बात कही है।
अवैध प्रवासियों को करेंगे निर्वासित
ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिकी इतिहास में अवैध प्रवासियों के सबसे बड़े सामूहिक निर्वासन का वादा किया था। बाइडन-हैरिस प्रशासन के तहत 2023 में अमेरिकी दक्षिणी सीमा पर लोगों के आने की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन 2024 में इसमें गिरावट आई। विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप की निर्वासन योजना कानूनी और व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करेगी, जिससे इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है। उनका यह भी मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को हटाने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है और विकास दर धीमी हो सकती है।
महंगाई कम करने का वादा
ट्रंप ने बाइडन के कार्यकाल में उच्च स्तर तक बढ़ गई महंगाई खत्म करने का वादा किया है। हालांकि, कीमतों को सीधे प्रभावित करने की राष्ट्रपति की शक्ति सीमित है। उन्होंने व्यापार घाटे को कम करने के लिए अधिकांश विदेशी वस्तुओं पर कम से कम 10% नए शुल्क का प्रस्ताव दिया है। वह आयातित वस्तुओं पर नए शुल्क (टैरिफ) लगाने का प्रस्ताव कर रहे हैं खासकर चीन से आने वाली वस्तुओं (60%) पर ताकि व्यापार घाटा कम किया जा सके।
जलवायु नियमों में कटौती
अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने कई पर्यावरणीय सुरक्षा नियमों को हटाया और अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर कर दिया और अमेरिका इस समझौते से हटने वाला पहला देश बन गया। अब ट्रंप खासकर अमेरिकी कार उद्योग को समर्थन देने के लिए और अधिक जलवायु नियमों को हटाना चाहते हैं। वह इलेक्ट्रिक कारों के खिलाफ हैं। वह पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे तेल और गैस का समर्थन करते हैं।
गर्भपात पर प्रतिबंध नहीं
ट्रंप ने कहा था कि वह गर्भपात पर राष्ट्रीय कानून नहीं बनाएंगे, हालांकि उनके कुछ समर्थक इसके पक्ष में हैं। ट्रंप का मानना है कि हर राज्य को अपने गर्भपात कानून तय करने का हक होना चाहिए।
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