नई दिल्ली । US Navy ने लाल सागर में गलती से अपने ही F/A-18 फाइटर जेट को मार गिराया. इस एक फाइटर जेट के गिरने से अमेरिका को तत्काल 473 से 484 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. क्योंकि फाइटर जेट की कीमत उसके वैरिएंट के आधार पर होती है. जिसकी डिटेल अमेरिकी नौसेना ने अब तक नहीं दी है.
अमेरिकी सरकार ने भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए इस फाइटर जेट को पिच किया था. लेकिन फ्रांस का राफेल-एम इस पर भारी पड़ा. भारत ने राफेल के लिए डील किया. अमेरिकी फाइटर जेट को मना कर दिया. आइए अब जानते हैं इस फाइटर जेट की ताकत…
F/A-18 फाइटर जेट में दो पायलट बैठ सकते हैं. असल में पायलट एक ही होता है, दूसरा वाला वेपन सिस्टम ऑफिसर होता है. 56.1 फीट लंबे इस फाइटर जेट की विंगस्पैन 40.5 फीट होता है. 15.5 फीट ऊंचे इस फाइटर जेट का खाली वजन 10,433 किलो. यानी न हथियार लगा हो न ही ईंधन भरा हो. लेकिन जब ये जंग के लिए टेकऑफ करता है, तब इसका वजन 23,451 किलोग्राम हो जाता है.
इसमें 2 जनरल इलेक्ट्रिक के F404-GE-402 इंजन लगे हैं. जो इसे ताकत प्रदान करते हैं. यह अधिकतम 1915 km/hr की स्पीड से उड़ान भरता है. अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. संमदर के ऊपर इसकी उड़ान की गति धीमी होती है. यह 1296 km/hr की गति से उड़ता है. वैसे इसकी रेंज 2017 किलोमीटर है. लेकिन कॉम्बैट रेंज 740 किलोमीटर ही है. क्योंकि तब इसमें हथियार लगे रहते हैं.
इस फाइटर जेट में एक 20 मिलिमीटर की 6-बैरल वाली वल्कन रोटनी कैनन लगी होती है. जो एक मिनट में 578 राउंड गोलियां दागती हैं. इसके अलावा इसमें कुल मिलाकर 9 तरह के हथियारों का मिश्रण लगा सकते हैं. इसमें 70 मिलिमीटर के हाइड्रा 70 रॉकेट्स या 127 मिलिमीटर के जूनी रॉकेट्स लगा सकते हैं. इसके अलावा हवा से हवा में मार करने वाली 2 AIM-9 Sidewiner विंगटिप पर या 8 AIM-9 Sidewinder डबल रैक के साथ लगा सकते हैं.
इसके अलवा 4 ASRAAM या 4 IRIS-T या 8 AMRAAM डबल रैक मिसाइल लगा सकते हैं. इनके अलावा 2 स्पैरो मिसाइल लगाने की भी व्यवस्था रहती है. इनके अलावा हवा से सतह पर मार करने वाली कई तरह की मिसाइलें लगा सकते हैं. जैसे- मैवरिक, स्लैम-ईआर, एआरएम, जेएसओड्ब्लू, जेएएसएसएम या टॉरस क्रूज मिसाइल. एंटी शिप मिसाइल या फिर 11 तरह के बमों में से कोई लगाया जा सकता है. इस फाइटर जेट से बी83 या बी61 न्यूक्लियर बम भी लगा सकते हैं.
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