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यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य सहायता बंद नहीं, मार्को रुबियो के 90 दिन वाले बयान पर जेलेंस्की

January 26, 2025

कीव. यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति (President) वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने शनिवार को कहा कि अमेरिका (America) ने यूक्रेन को सैन्य सहायता देना बंद नहीं किया है। हालांकि, जेलेंस्की ने ये स्पष्ट नहीं किया कि मानवीय सहायता रोकी गई है या नहीं। बता दें कि अमेरिका में ट्रंप (Trump) के राष्ट्रपति बनने के बाद विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि अगले 90 दिनों के लिए विदेशी सहायता अनुदान रोका जाएगा। बता दें कि यूक्रेन अपनी सैन्य जरूरतों के लिए अमेरिका पर 40 फीसदी निर्भर है।

मोल्दोवन राष्ट्रपति मैया सैंडू के साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शनिवार को कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं सैन्य सहायता पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। भगवान का शुक्र है कि इसे रोका नहीं गया है।


प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, जेलेंस्की और माया सैंडू ने मोल्दोवा के रूस-नियंत्रित ट्रांसनिस्ट्रिया क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों पर चर्चा की, जहां यूक्रेन ने 1 जनवरी को रूसी गैस की आपूर्ति रोकने का निर्णय लिया था। यूक्रेन ने कहा कि वह कमी की भरपाई के लिए ट्रांसनिस्ट्रियन अधिकारियों को कोयला प्रदान कर सकता है।

युद्ध समाप्त नहीं करना चाहता है रूस: जेलेंस्की
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए, जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अच्छी बातचीत की और उन्हें विश्वास है कि ट्रंप युद्ध समाप्त करने में सफल होंगे। जेलेंस्की ने कहा कि रूस युद्ध समाप्त करना नहीं चाहता है, जबकि यूक्रेन चाहता है।

रूस और यूक्रेन के युद्ध पर क्या है ट्रंप का रूख
बता दें कि फरवरी, 2022 में शुरू हुई रूस और यूक्रेन की लड़ाई में अब तक 10 लाख से अधिक लोगों की मौत होने का अनुमान है। दोनों देशों का टकराव रोकने के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अगर वे 2022 में भी राष्ट्रपति होते तो युद्ध शुरू ही नहीं होता। बीते 20 जनवरी को दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को सुझाव दिया था कि संघर्ष समाप्ति के लिए उन्हें पुतिन के साथ समझौता करना चाहिए। उन्होंने संघर्ष समाप्ति के लिए समझौता न करने पर रूस पर कड़े टैरिफ और प्रतिबंध लगाने जैसे बयान भी दिए हैं। ट्रंप के रूख को देखते हुए यूक्रेन को मिल रही अमेरिकी सहायता का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।

21वीं सदी का सबसे भीषण संघर्ष
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच लगभग तीन साल से संघर्ष जारी है। 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद शुरू हुआ यह संघर्ष 21वीं सदी का सबसे घातक संघर्ष है। इसमें अब तक यूक्रेन के शहर, कस्बे और गांव पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। जान-माल का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस संघर्ष में 80 हजार से अधिक यूक्रेनी सैनिक मारे जा चुके हैं और चार लाख से अधिक घायल हुए हैं। वहीं, पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, रूस के सैनिकों की मौत के आंकड़े अलग-अलग हैं। कुछ रिपोर्ट्स में मारे गए सैनिकों की संख्या करीब दो लाख तक और घायलों की संख्या चार लाख के आसपास बताई गई है। वही, युद्ध के चलते यूक्रेन की जन्म दर ढाई साल पहले की तुलना में अब एक तिहाई रह गई है। करीब 40 लाख लोग यूक्रेन के भीतर ही विस्थापित हुए हैं। जबकि 60 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिक विदेश में शरण ले चुके हैं। युद्ध के कारण यूक्रेन की जनसंख्या में करीब एक करोड़ से अधिक लोगों की कमी आई है, जो इसकी जनसंख्या का लगभग एक चौथाई है। इसका मतलब है कि यूक्रेन की 25 फीसदी जनसंख्या खत्म हो गई है।

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