वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (America) के कैलिफोर्निया (California) में स्थित नेवार्क में खालिस्तानी कट्टरपंथियों (pro-Khalistan graffiti) की एक और शर्मनाक हरकत (shameful act) सामने आई है। यहां कुछ शरारती तत्वों ने एक मंदिर में तोड़फोड़ (temple vandalism) की। इतना ही नहीं इन लोगों ने मंदिर की दीवारों पर भारत-विरोधी नारे (Anti-India slogans on temple walls) लिख दिए। इस घटना का कैलिफोर्निया पुलिस ने संज्ञान लिया है और मामले में जांच बिठा दी है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है।
क्या बोले विदेश मंत्री?
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “मैंने इस घटना को देखा है। कट्टरपंथी, अलगाववादी और ऐसी किसी भी ताकत को बिल्कुल भी जगह नहीं दी जानी चाहिए। अमेरिका में हमारे वाणिज्य दूतावास ने इस मामले पर सरकार से शिकायत की है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।”
बताया गया है कि जिस मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया है, वह वॉशिंगटन डीसी से 100 किमी दूर स्थित है। हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन की तरफ से सोशल मीडिया पर साझा तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि इस मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं। इतना ही नहीं मंदिर के बोर्ड पर भी भारत-विरोधी चित्रकारी की गई है। हिंदू-अमेरिकी संस्थान ने इस घटना की हेट क्राइम (नफरती अपराध) के तौर पर जांच की मांग की है।
उत्तरी अमेरिका और कनाडा में खालिस्तानियों के निशाने पर मंदिर
गौरतलब है कि उत्तरी अमेरिका और कनाडा में सक्रिय कुछ खालिस्तान समर्थक संगठन लगातार हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। खासकर कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में इसी साल अगस्त में स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया था। मंदिर के गेट पर खालिस्तान जनमत संग्रह के पोस्टर लगा दिए गए, जिन पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की भी तस्वीर लगी है। पोस्टर में लिखा गया था कि ‘कनाडा 18 जून की हत्या की घटना में भारत की भूमिका की जांच कर रहा है।’
भारतीय वाणिज्य दूतावास ने की घटना की निंदा
स्वामीनारायण मंदिर में हुई घटना को लेकर सैन फ्रैंसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने बयान जारी किया। इसमें घटना की कड़ी निंदा की गई। दूतावास ने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारतीय समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाली हैं। हमने मामले में जल्द से जल्द जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
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