नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) अपनी चार दिवसीय फ्रांस (Four Days in France)और अमेरिका की यात्रा (Trip to America)पर हैं। यात्रा के दूसरे चरण (The second leg of the trip) में वे अमेरिका जाएंगे। जहां वह डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक करेंगे। ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद, पीएम मोदी की उनके साथ यह पहली बैठक होगी। इस बैठक पर दुनियाभर के दिग्गजों की नजर है। आइये जानते हैं पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले यूएस कांग्रेस सांसद रिच मैककॉर्मिक, ग्रीस के रक्षा मंत्री निकोस डेंडियास, जॉर्जिया के प्रतिनिधि माइकल चेकास और भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी श्री थानेदार ने क्या कहा।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले, यूएस कांग्रेस सांसद और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष रिच मैककॉर्मिक ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच कोई बड़ा व्यापार घाटा नहीं है, जो अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि हम मुक्त व्यापार में विश्वास करते हैं। मुझे लगता है कि भारत कई चीजें बना सकता है जो वर्तमान में चीन में बनाई जा रही हैं, जो हमारे लिए इतना अनुकूल नहीं है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर हमें चर्चा करनी चाहिए।
अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार कर रहा भारत: मैककॉर्मिक
मैककॉर्मिक ने यह भी कहा कि हमें इस पर चर्चा करने की जरूरत है कि भारत कैसे रूसी तेल को वापस यूरोप को बेच रहा है, जो युद्ध को बढ़ावा देता है। मैककॉर्मिक ने कहा, ‘मुझे पता है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच अच्छे संबंध हैं। हमने पहले भी बैठकें की हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश एकमत हों कि वैश्विक समस्याओं को कैसे हल करें। उन्होंने कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार कर रहा है, और मुझे लगता है कि वे इतिहास के सही पक्ष पर विचार करें, खासकर जब बात रूस द्वारा यूक्रेन के साथ अन्याय करने की हो।
मैककॉर्मिक ने कहा, ‘ऑकस में अभी भारत शामिल नहीं है, लेकिन मैं इसका विस्तार होते हुए देखना चाहूंगा, क्योंकि भारत एक बहुत मजबूत सहयोगी हो सकता है।’
मैककॉर्मिक ने भारत के चंद्रयान की तारीफ की
मैककॉर्मिक ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि हमारे बीच हमेशा अच्छे आर्थिक संबंध रहे हैं, और भविष्य में हम इन्हें और बेहतर बना सकते हैं। भारत के पास उत्पादन, उद्योग और नवाचार में बहुत संभावनाएं हैं। एक ऐसा देश जिसने 100 मिलियन डॉलर से भी कम में चंद्रमा के अंधेरे हिस्से पर अंतरिक्ष यान भेजा है- यह वाकई अद्भुत है। यह उच्च स्तर का नवाचार है।
मैं भारत का एक प्रतिबद्ध मित्र हूं: डेंडियास
ग्रीस के रक्षा मंत्री निकोस डेंडियास ने कहा, ‘मैं भारत का एक प्रतिबद्ध मित्र हूं। विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर मेरे करीबी मित्र हैं। आपने अपनी अर्थव्यवस्था में जो सफलता हासिल की है, मैं उसकी सराहना करता हूं। मेरा मानना है कि भारत को अब एक अलग भूमिका निभानी है। भारत एक बड़ा देश है और एक बड़ी शक्ति बन रहा है, इसलिए इसके साथ बड़ी जिम्मेदारियां भी आती हैं।’ हम भारत को लाल सागर और भूमध्य सागर में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में देखना चाहेंगे: डेंडियास
डेंडियास ने आगे कहा- ग्रीस के दृष्टिकोण से, हम भारत को लाल सागर और भूमध्य सागर में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में देखना चाहेंगे। हम आपकी वायु सेना और नौसेना को भी भूमध्य सागर, यूरोप और दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका में देखना चाहेंगे। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी इसी विषय पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ चर्चा करेंगे। यह अच्छी बात है कि वह वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने वाले पहले नेताओं में से एक हैं।
पीएम मोदी का ट्रंप से मिलने बहुत महत्वपूर्ण: चेकास
जॉर्जिया के प्रतिनिधि माइकल चेकास ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्रपति ट्रंप से मिलना बहुत अच्छा है। हमारे बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं, और यह और बेहतर होने वाले हैं। मैं इसके लिए उत्साहित हूं। आप जानते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप व्यवसाय के पक्षधर हैं, और उनके नेतृत्व में भारतीय और अमेरिकी अर्थव्यवस्थाएं एक साथ समृद्धि को साझा करेंगी। इसलिए, मुझे लगता है कि पीएम मोदी का वाशिंगटन आना और ट्रंप से मिलना बहुत महत्वपूर्ण है।’
मोदी-ट्रंप की बैठक का मुझे इंतजार: श्री थानेदार
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी श्री थानेदार ने कहा कि यह एक रोमांचक समय है। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी दो बार अमेरिका आ चुके हैं। मैं इस बैठक का इंतजार कर रहा हूं। कई मुद्दे हैं जिन पर बात करने की जरूरत है, जैसे टैरिफ, द्विपक्षीय संबंध, वाणिज्य और आव्रजन। बहुत सी बातें चल रही हैं। मुझे उम्मीद है कि इस बार बहुत कुछ किया जा सकेगा।
बांग्लादेश मुद्दे पर पीएम मोदी-ट्रंप के चर्चा करने की उम्मीद: श्री थानेदार
श्री थानेदार से पूछा गया कि क्या पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक में बांग्लादेश के मुद्दे पर चर्चा होगी। इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे। एक कांग्रेसी के रूप में, मैंने इस मुद्दे पर बहुत कुछ कहा है और मैंने उनसे इसे संबोधित करने के लिए कहा है। तत्कालीन राष्ट्रपति बाइडन के तहत विदेश विभाग ने बांग्लादेश के खिलाफ कुछ प्रतिबंध भी जारी किए हैं।
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