वॉशिंगटन। भारत (India) को अपना मजबूत साझेदार बताते हुए अमेरिका (America) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की यूक्रेन यात्रा (Ukraine trip) पर प्रतिक्रिया दी। व्हाइट हाउस (the White House) ने अपने बयान में कहा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश में मददगार बनने वाले देशों का अमेरिका स्वागत करता है। पीएम मोदी की कीव यात्रा इस संघर्ष को रोकने में मददगार साबित होगी। राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर किसी भी बातचीत के लिए कीव को चर्चा की मेज पर रखना होगा।
किर्बी ने कहा, “जब बात यूक्रेन संघर्ष पर आती है तो कोई भी अन्य देश जो यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश में मददगार बनने को तैयार है, हम उनका स्वागत करते हैं। मददगार होने से हमारा मतलब यह है कि येक्रेन को लेकर बातचीत शामिल हो।” उन्होंने आगे कहा, “हम इसे हर बार कहते हैं। ऐसा लगता है जैसे मैं इसपर बंपर स्टिकर लगा रहा हूं, मेरा यह मतलब नहीं है। यूक्रेन के बारे में यूक्रेन के बिना कुछ भी नहीं।”
पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर क्या बोले किर्बी?
जॉन किर्बी ने पीएम मोदी की यीक्रेन यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “भारत अमेरिका का एक मजबूत साझेदार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी। आप जानते हैं कि वह कीव गए और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत की। अगर यह उस संघर्ष को समाप्त करने में मददगार हो सकता है जो राष्ट्रपति जेलेंस्की के न्यायसंगत शांति के दृष्टिकोण के अनुरूप है तो ठीक है।”
पीएम मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन की अपनी यात्रा समाप्त की। 1992 में यूक्रेन के बनने के बाद पीएम मोदी इस देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत की। पीएम मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि संघर्ष को खत्म करने का एकमात्र समाधान बातचीत है। उन्होंने कहा, “भारत कभी भी तटस्थ नहीं है, हम केवल शांति की तरफ हैं।” पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा शांति और प्रगति की राह में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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