नई दिल्ली (New Delhi) । आमतौर पर किसी देश के सुप्रीम लीडर्स का आवास या दफ्तर वहां की सबसे सुरक्षित इमारतों (safe buildings) में गिना जाता है, लेकिन दुनिया में एक बिल्डिंग ऐसी है, जो इस श्रेणी में नहीं आती, इसके बाद भी उसकी सुरक्षा बहुत पक्की है. इतनी कि उसे दुनिया की सबसे सुरक्षित इमारतों में रखा जाता है. अमेरिका (America) के केंटुकी (Kentucky) में बने फोर्ट नॉक्स (Fort Knox) में दरअसल सरकारी सोने (gold) का बड़ा हिस्सा रखा हुआ है. ऐसे में इसकी सिक्योरिटी भी उतनी ही टाइट है. इसके चारों ओर कई सेफ्टी लेयर्स हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि दुनिया का सबसे शातिर या पहुंचवाला इंसान भी सेंध नहीं लगा सकता.
कैसे बनी है बिल्डिंग
फोर्ट नॉक्स वैसे कोई एक इमारत नहीं, बल्कि केंटकी का एक मिलिट्री बेस है, जो काफी लंबा-चौड़ा है. यहां कैंपस के भीतर अलग-अलग बिल्डिंग्स हैं, जिसमें आर्मी वाले और उनके परिवार रहते हैं. ये वे लोग हैं, जिनपर गोल्ड रिजर्व की सुरक्षा का जिम्मा है. यहीं एक इमारत के भीतर वो तिजोरी है, जिसमें सोना रखा हुआ है. ये बिल्डिंग लगभग 16 हजार क्यूबिक फीट ग्रेनाइट और साढ़े 4 हजार यार्ड्स कंक्रीट से बनी हुई है, जिसमें हजारों टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है.
साल 1930 से अगले कुछ सालों के दौरान बने फोर्ट नॉक्स में तब के समय में साढ़े 6 लाख डॉलर से ज्यादा का खर्च आया था. फोर्ट नॉक्स का असल नाम यूनाइटेड स्टेट्स बुलियन डिपॉजिटरी है. स्टील फेसिंग और तगड़ी सुरक्षा के चलते इसे फोर्ट नॉक्स कहा जाने लगा.
कितना सुरक्षित है ये
– अमेरिकी डिफेंस वेबसाइट के मुताबिक, इसकी दीवारें ग्रेनाइट से बनी हुई और 4 फीट से ज्यादा मोटी हैं. माना ये भी जाता है कि इनपर न्यूक्लियर विस्फोट का भी असर नहीं होगा.
– सामने वाला दरवाजा लगभग 22 टन वजनी और ब्लास्ट-पूफ्र मटेरियल से बना हुआ है. दरवाजे को एक या दो सामान्य लोग नहीं खोल सकते, बल्कि आगे से पीछे की तरफ ले जाने के लिए आर्मी के ट्रेंड जवानों की जरूरत पड़ती है.
– फिजिकल सिक्योरिटी के अलावा यहां लगभग 30 हजार आर्म्ड गार्ड हैं, जो कोने-कोने में तैनात हैं. डिपॉजिटरी की सुरक्षा के लिए इन्हें अलग से ट्रेनिंग दी गई है.
– मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी, जैसे सेंसर, कैमरा और अलार्म इन्सटॉल्ड हैं. साथ ही मोशन डिटेक्टर लगे हुए हैं, जो किसी भी गतिविधि को तुरंत पकड़ सकते हैं.
– कहा जाता है कि यहां जमीन के भीतर विस्फोटक पदार्थ रखे हुए हैं जो शरीर के तापमान से संचालित होते हैं. यानी अगर कोई घुसपैठ की कोशिश करें तो बिना चेतावनी पाए उसका काम खत्म हो जाएगा.
– किसी भी प्राकृतिक आपदा से भी इसे सुरक्षित माना जाता है. हालांकि इसपर यूएस मिंट पुलिस ने कोई आधिकारिक बयान कभी नहीं दिया.
कई कंस्पिरेसी थ्योरीज चलती रहीं
सोने का ये भंडार इतना सुरक्षित है, कि उसे लेकर मुहावरे तक बन गए. अमेरिकी चुनावों से पहले कई लीडर ये कहते पाए गए कि इलेक्शन प्रोसेस फोर्ट नॉक्स की तरह मजबूत होना चाहिए. इसी बेहद मजबूत किले को लेकर कई कंस्पिरेसी थ्योरीज भी रहीं.
सबूत देने के लिए प्रेस को ले जाया गया
एक समय पर कहा जाने लगा कि वॉल्ट के भीतर का सारा सोना अमेरिका ने बेच दिया है और अब वहां कुछ नहीं. एक्सपोर्ट- इंपोर्ट बैंक ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स के काउंसलर और वकील पीटर डेविड बेटर ने सबसे पहले ये बात फैलाई, जिसके बाद शक गहराता चला गया. यहां तक कि अमेरिका को लगने लगा कि इससे दुनिया में उसकी साख को धक्का लग सकता है और बाजार पर भी असर हो सकता है. यही वजह है कि 23 सितंबर 1974 को वहां के कई नेता और प्रेस के कुछ लोग फोर्ट नॉक्स के भीतर ले जाए गए. सोना तब भी वहां था.
इस रूप में रखा है गोल्ड
सोना यहां बार के फॉर्म में रखा हुआ है, जिसे बुलियन भी कहते हैं. ये 99.5% शुद्ध सोना है. हरेक बार का वजन लगभग साढ़े 12 किलो है. इन्हें लंदन गुड्स डिलीवरी भी कहा जाता है. ये एक तरह का पैमाना है, जिसमें पास होने के बाद सोने को पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है. लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) ने ये स्टैंडर्ड बनाया था, जिसे अमेरिका भी मानता है.
क्या-क्या रखा है किले के भीतर
यूनाइटेड स्टेट्स मिंट पुलिस की आधिकारिक साइट के अनुसार यहां अमेरिकी गोल्ड रिजर्व का आधा सोना रखा हुआ है. इसके अलावा संविधान की असल कॉपी और आजादी की घोषणा की कॉपी भी यहां है. दूसरे वर्ल्ड वॉर में पर्ल हार्बर अटैक के बाद आनन-फानन ये चीजें वॉशिंगटन डीसी से फोर्ट नॉक्स भेज दी गईं. लेकिन सबसे अजीब चीज जो यहां है, वो है अफीम. अमेरिकी मिलिट्री ने इसे एहतियात रख छोड़ा था. जैसे मान लो कोई इमरजेंसी आ पड़े और पेनकिलर्स कम पड़ जाएं तो ऐसे में यही काम आ जाएंगे. अब भी इनका स्टॉक यहीं रखा हुआ है.
खत्म होने वाला है गोल्ड!
अमेरिका के पास भले ही दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व हो, लेकिन सोने को लेकर अब चिंता जताई जा रही है. जानकार मानते हैं कि धरती का ज्यादातर सोना निकाला जा चुका. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, अब तक लगभग 2 लाख टन सोना निकाला जा चुका और अब सिर्फ 50 हजार टन ही बाकी है. ऐसे में अगले 20 वर्षों में जमीन के नीचे सोना पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
तब क्या होगा?
सोना खत्म होने के बाद क्या होगा, इसपर आम लोग ही नहीं, एक्सपर्ट भी चिंतित होते रहे. इससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो सकती है क्योंकि अब भी देश की शक्ति उसके गोल्ड रिजर्व से निकाली जाती है. किसी भी देश के व्यापार में भी सोना बड़ा हिस्सा रहता आया है. ये अब से नहीं, बल्कि सदियों से है. तो ये भी मुमकिन है कि सोना खत्म होने पर बड़े देश, कमजोर देशों पर हमला करके उनके सोने का भंडार कब्जाने लगें, लेकिन ये सारी बातें फिलहाल हाइपोथेटिकल हैं.
सोने की खोज चलती रहेगी
सोना खत्म होना वैसा ही है, जैसे दुनिया से चावल खत्म हो जाना. इसके बगैर गुजारा नहीं. तो इसकी तलाश में पैसे वाली कंपनियां हर असंभव लगने वाली जगह को एक्सप्लोर करेंगी. मिसाल के तौर पर समुद्र के नीचे सोना खोजा जाएगा. बर्फीले रेगिस्तान, जहां धुव्रीय भालू रहते हैं, उन जगहों पर खदानें लगाई जाएंगी. या फिर अंतरिक्ष में सोना ढूंढा जाएगा.
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