वाशिंगटन। अमेरिका (America) में आगामी पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) होना है। अमेरिका (America) में चुनावी सरगर्मियों के बीच अरबपति कारोबारी एलन मस्क (Billionaire businessman Elon Musk) चुनिंदा मतदाताओं को 8.41 करोड़ रुपये देने के वादे को लेकर सुर्खियों में है। खबरों के मुताबिक मस्क और उनकी टीम रैंडम तरीके से मतदाताओं का चुनाव कर उन्हें एक मिलियन डॉलर (One million dollars) का चेक दे रही है। इनाम ऐसे मतदाताओं को दिया जा रहा है जो मुक्त भाषण और बंदूक अधिकारों का समर्थन करने वाली याचिका का समर्थन कर सहमति के हस्ताक्षर कर रहे हैं। इसी मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक मस्क को एक मुकदमा दायर करने का मौका मिला, जिसे उन्होंने गंवा दिया। रिपोर्ट के मुताबिक एक अमेरिकी न्यायाधीश ने मस्क की अपील ठुकरा दी।
क्या धनराशि बांटने की योजना पर प्रभाव?
मस्क और वोटर को एक मिलियन के इनाम से जुड़ी एक खबर के मुताबिक मस्क ने अमेरिकी न्यायाधीश से पेन्सिलवेनिया के मुकदमे को संघीय अदालत में भेजने की अपील की। हालांकि, अदालत ने यह मांग ठुकरा दी। उन्होंने मामले को वापस राज्य की अदालत में भेज दिया। हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं है कि जज के इस निर्णय से धनराशि बांटने की योजना पर कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं। बता दें कि मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए देशभर में मतदान होना है। इससे पहले छह करोड़ से अधिक मतदाता ‘अर्ली वोटिंग’ के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं।
14 लोगों को एक मिलियन डॉलर का पुरस्कार दे चुकी है मस्क की कंपनी
मस्क की याचिका पर फैसला फिलाडेल्फिया के जिला न्यायाधीश गेराल्ड पैपर्ट ने सुनाया। खबरों के मुताबिक मस्क की कंपनी अमेरिका पीएसी जो प्रचार अभियान के लिए पसों का बंदोबस्त करती है, वह अब तक 14 लोगों को एक मिलियन डॉलर का पुरस्कार दे चुकी है। अंतिम पुरस्कार मंगलवार को दिया जाएगा।
मस्क की मांग- देश की संघीय अदालत में हो मुकदमे की सुनवाई
राष्ट्रपति चुनाव 2024 से पहले अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने की आशंका जाहिर करते हुए फिलाडेल्फिया डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी लॉरेंस क्रासनर ने 28 अक्तूबर को मस्क की कंपनी की योजना के खिलाफ याचिका दायर की। लॉरेंस कथित तौर पर डेमोक्रेटिक खेमे का समर्थन करते हैं। चुनाव में मस्क और उनकी कंपनी रिपब्लिकन खेमे के साथ हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन कर रहे मस्क की इनामी योजना को क्रासनर ने अवैध लॉटरी करार दिया। निचली अदालत में याचिका का विरोध करते हुए मस्क और उनकी कंपनी अमेरिका पीएसी ने मुकदमे को संघीय अदालत में ले जाने की मांग की।
‘मस्क मतदान के दिन तक मामले को लंबित रखना चाहते हैं’
मस्क की कानूनी टीम की दलील है कि क्रासनर ने अपने मुकदमे में मुक्त-भाषण के अधिकारों और चुनाव हस्तक्षेप के बारे में सवाल उठाए हैं। इन बिंदुओं पर केवल अमेरिका की संघीय अदालत ही फैसला कर सकती है। दलीलों को सुनने के बाद जिला न्यायाधीश गेराल्ड पैपर्ट ने मामले को फिलहाल स्थगित कर दिया। मस्क की दलीलों के विरोध में क्रासनर ने कहा, संघीय अदालत में सुनवाई की आड़ में मस्क मतदान के दिन तक मामले को लंबित रखना चाहते हैं। हालांकि, क्रासनर ने यह आरोप नहीं लगाया है कि मतदाताओं मुफ्त में दिया गया धन संघीय कानून का उल्लंघन करता है।
अमेरिका के किन सात शहरों के लोगों को मिल रहा है इनाम
गौरतलब है कि फिलाडेल्फिया पेंसिल्वेनिया का सबसे बड़ा शहर है। यह अमेरिका के सात प्रमुख इलाकों में एक है, जहां ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर होने का अनुमान है। मस्क ने इनाम के लिए जिन राज्यों का चुनाव किया है, इसमें केवल सात राज्यों में पंजीकृत मतदाता ही शामिल होंगे। इन राज्यों में एरिज़ोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन शामिल हैं। मस्क ने 1 मिलियन डॉलर की पहली इनामी राशि 19 अक्तूबर को पेन्सिलवेनिया की राजधानी हैरिसबर्ग में आयोजित अमेरिका पीएसी रैली के दौरान दी थी।
मुफ्त पैसे बांटने को लेकर चुनाव से जुड़े अमेरिकी कानून अस्पष्ट
यह तथ्य भी बेहद रोचक है कि मस्क की तरफ से दिए जा रहे ‘मुफ्त उपहार’ जैसे बिंदु, चुनाव से जुड़े अमेरिकी कानून में बहुत अस्पष्ट हैं। कानूनी विशेषज्ञ इस बात पर एकमत नहीं हैं कि क्या मतदान के लिए पंजीकरण कराने के लिए भुगतान कर मस्क ने किसी संघीय कानून का उल्लंघन किया है।
मस्क अमेरिका पीएसी को 10.09 अरब रुपये से अधिक दे चुके हैं
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अमेरिकी न्याय विभाग ने इस संबंध में मस्क की कंपनी अमेरिका पीएसी को चेतावनी दी थी। न्याय विभाग के मुताबिक एक मिलियन डॉलर की इनामी राशि का मुफ्त वितरण संघीय कानून का उल्लंघन हो सकता है। हालांकि, अब तक संघीय अभियोजकों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। संघीय खुलासे के मुताबिक मस्क ने अब तक अमेरिका पीएसी को लगभग 120 मिलियन डॉलर (10.09 अरब रुपये से अधिक) दिए हैं।
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