नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की जंग अपने अंतिम दौर में चल रही है, लेकिन अभी तक ये फाइनल नहीं हो पाया है कि आखिर अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा। अभी तक सामने आए नतीजों में डेमोक्रेट्स पार्टी के जो बाइडेन आगे चल रहे हैं और बहुमत के करीब हैं। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जीत का दावा किया है और कुछ जगह पर काउंटिंग में फर्जीवाड़े का आरोप लगा दिया है, लेकिन ये जंग अब मुख्य रूप से चार राज्यों पर आकर टिक गई है, जहां से अंतिम नतीजे तय हो सकते हैं।
अमेरिका के किन राज्यों में चल रही दिलचस्प लड़ाई?
पेंसिलवेनिया: इस राज्य में कुल इलेक्टोरल वोट की संख्या 20 है। शुरुआत में यहां डोनाल्ड ट्रंप बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन जैसे ही मेल इन वोट खुले तो जो बाइडेन ने रफ्तार पकड़ी। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अभी यहां 94 फीसदी काउंटिंग हुई है और डोनाल्ड ट्रंप को 49.7%, जो बाइडेन को 49.0% वोट मिले हैं।
जॉर्जिया: इस राज्य में कुल 16 इलेक्टोरल वोट हैं। यहां पर काफी कांटेदार मुकाबला चल रहा है और डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ दो हजार वोटों से आगे हैं। अभी तक यहां पर 98 फीसदी काउंटिंग हो चुकी है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप को 49.4% वोट मिल पाए हैं। अब मेल इन वोट खुल रहे हैं ऐसे में तस्वीर बदल सकती है।
नॉर्थ कैरोलिना: इस राज्य में कुल 15 इलेक्टोरल वोट हैं। यहां पर अब तक 95 फीसदी वोट गिने जा चुके हैं। अभी तक डोनाल्ड ट्रंप को करीब 50 फीसदी और जो बाइडेन को 48 फीसदी वोट मिले हैं। स्थानीय अधिकारियों मुताबिक, यहां 12 नवंबर तक मेल इन वोट रिसीव किए जाएंगे, यानी तस्वीर तभी साफ हो पाएगी।
एरिजोना: इस राज्य में कुल 11 इलेक्टोरल वोट हैं, जहां अभी सिर्फ 90 फीसदी काउंटिंग हो पाई है। यहां जो बाइडेन को 50 फीसदी और डोनाल्ड ट्रंप को 48.5 फीसदी वोट मिले हैं। यहां करीब तीन लाख वोटों की गिनती बची है।
मुख्य रूप से ये चार राज्य हैं, जहां अधिक इलेक्टोरल वोट हैं और जो चुनाव के नतीजों पर अंतर डाल सकते हैं। इनके अलावा खास नजर नेवादा पर भी बनी हुई है, जहां पर 6 इलेक्टोरल वोट हैं और यहां अभी जो बाइडेन आगे चल रहे हैं। ये खास इसलिए है क्योंकि अगर यहां से जो बाइडेन जीतते हैं तो उन्हें इलेक्टोरल वोट में बहुमत मिल जाएगा।
अभी जो बाइडेन के पास 264 और डोनाल्ड ट्रंप के पास 214 इलेक्टोरल वोट हैं। डोनाल्ड ट्रंप अभी तीन राज्यों में आगे हैं, अगर वो जीत भी जाते हैं तो उनके लिए बहुमत मुश्किल होगा।
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