वाशिंगटन । चुनाव (Election) के वक्त कड़ी आव्रजन नीतियों (Immigration policies) का एलान कर चुके डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 20 जनवरी को शपथ के बाद सबसे पहले अवैध प्रवासन पर काम करेंगे। इसकी तैयारी में अमेरिकी आव्रजन-सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने निर्वासन के लिए लगभग 15 लाख लोगों की सूची तैयार की है। इनमें से करीब 18 हजार भारतीयों को भारत निकालने का खतरा है।
भारत गैर मददगार देश- अमेरिकी सरकार
अमेरिकी सरकार ने भारत पर गैर-मददगार होने का आरोप लगाया है। आईसीई ने निर्वासन प्रक्रिया में मदद नहीं करने वाले 15 देशों की सूची बनाई है, जिन्हें ‘गैर मददगार’ कहा जाता है। इनमें भारत का नाम भी है। आसीई के डाटा के मुताबिक, अमेरिका में रह रहे करीब 18 हजार भारतीय अवैध कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया में फंस गए हैं। इसमें 3 वर्ष का वक्त लग सकता है।
90 हजार भारतीय अमेरिकी सरहद पार करते पकड़े गए
आईसीई के मुताबिक, पिछले 3 सालों में अमेरिकी सीमा में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में 90 हजार भारतीयों को पकड़ा गया है। इन प्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से रहा है। एशियाई देशों में अवैध घुसपैठ को लेकर चीन शीर्ष पर है। भारत इस मामले में 13वें नंबर पर है।
अक्तूबर में कुछ भारतीय नागरिकों को किया जा चुका है निर्वासित
अक्टूबर में अमेरिका ने अवैध रूप से देश में रह रहे भारतीयों को निर्वासित करने के लिए एक चार्टर्ड उड़ान का इस्तेमाल किया था। गृह सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार, 22 अक्तूबर को भारत के सहयोग से एक उड़ान भारत भेजी गई। अमेरिका में हजारों बगैर कानूनी दस्तावेज के रहने वाले भारतीय अपनी स्थिति को वैध बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनमें से कई को आईसीई से मंजूरी मिलने में वर्षों लग गए हैं।
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