वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (former president donald trump) की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अमेरिका की एक अदालत ने 2020 के राष्ट्रपति चुनावों (2020 presidential elections) के परिणामों को पलटने के प्रयासों के लिए ट्रंप को आरोपी माना है। हालांकि, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पहले ही कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें आरोपी माना जा सकता है।
क्या है पूरा मामला
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन डीसी (Washington DC) की एक संघीय ग्रैंड जूरी ने ट्रंप के खिलाफ मामले में सुनावई की। विशेष अधिवक्ता जैक स्मिथ दलीलों और सबूतों को परखने के बाद अदालत ने बुधवार को ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को पलटने के प्रयासों का आरोपी माना है। बता दें, हाल ही में ट्रंप ने कहा था कि उन्हें एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें लिखा था कि वे जांच के दायरे में हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब होता है कि उनके खिलाफ आरोप दायर किए जा सकते हैं। बता दें, ट्रंप ने पहले ही सोशल मीडिया पर कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि जैक स्मिथ द्वारा आज वे किसी भी समय आरोपी बनाए जा सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि आखिर 2.5 साल पहले जैक ने ऐसा क्यों नहीं किया। इतना लंबा इंतजार क्यों किया।
विशेष अधिवक्ता जैक स्मिथ ने ट्रंप के खिलाफ लगाए हैं यह आरोप
– अमेरिका को धोखा देने की साजिश रचना
– आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालने की साजिश रचना
– आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालना
– आधिकारिक कार्रवाई में बाधा डालने के प्रयास करना
– अधिकारियों के खिलाफ साजिश रचना
रिपोर्ट के अनुसार, मामले में गुरुवार को ट्रंप वाशिंगटन डीसी की संघीय अदालत में पेश होंगे।
गोपनीय दस्तावेज मामले में भी घिरें हैं ट्रंप
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गोपनीय दस्तावेज मामले में सरकार से लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। वे मार ए लागो मामले में गोपनीय दस्तावेज देखने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल को चुनौती दी है। मामले में ट्रंप के खिलाफ गोपनीय दस्तावेज को गलत तरीके से अपने पास रखने के मामले में केस दर्ज किया गया है। हाल ही में, गोपनीय दस्तावेज के एक मामले में ट्रंप पर नए आरोप लगे हैं। आरोप है कि ट्रंप ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपने रिजॉर्ट मार ए लागो के सर्विलांस फुटेज डिलीट कराए। हालांकि ट्रंप ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था और सरकार पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।
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