वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (America) की एक संघीय अदालत (federal court) ने शुक्रवार को निचली अदालत के उस आदेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिसमें सरकारी एजेंसियों (Government agencies) को प्रकाशित कंटेंट (Content published) को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों से संपर्क करने से रोका गया था। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स (Circuit Court of Appeals) ने कानूनी कार्यवाही जारी रहने तक अमेरिकी जिला न्यायाधीश टेरी डौटी द्वारा 4 जुलाई को लगाए गए बैन पर रोक लगाने के न्याय विभाग के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। इतना ही कोर्ट ने मामले में प्रशासन की अपील पर जल्द कार्रवाई करने पर भी सहमति व्यक्त जताई है।
अगले आदेश तक बरकरार रहेगी रोक
कोर्ट के आदेश के अनुसार अस्थायी प्रशासनिक रोक अदालत के अगले आदेश तक बनी रहेगी। इससे पहले न्याय विभाग ने न्यायाधीश डौगी से आदेश पर रोक लगाने अपील की थी, जिससे उन्होंने खारिज कर दिया। इसके बाद विभाग ने संघीय अदालत का रुख किया।
सरकार के दावे खारिज
गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नियुक्त न्यायाधीश ने 13 पेज के फैसले में सरकार के दावों को खारिज कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकारी अधिकारियों ने सोशल मीडिया कंपनियों को उन पोस्ट को सेंसर करने के लिए प्रभावी ढंग से मजबूर किया, जिनके को लेकर उन्हें डर था कि वे कोविड टीके संबंधित गलत सूचना फैला रहे हैं।
गलत सूचनाओं को दबाने का प्रयास सेंसरशिप नहीं
हालांकि, सरकारी वकीलों ने जवाब दिया है कि गलत सूचनाओं को दबाने का प्रयास सेंसरशिप नहीं है। उन्होंने कहा, ‘इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कंटेंट हटाने के लिए किसी को कोई धमकी दी गई हो। मुकदमे में जिन सोशल मीडिया कंपनियों का उल्लेख किया गया है उनमें ट्विटर, अल्फाबेट, फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा इंक शामिल हैं।
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