लंदन: अमेरिका (US) और ब्रिटेन (British) की सेनाओं (forces) ने एक संयुक्त ऑपरेशन (Joint Operation) में यमन (Yemen) में हूती (Houthi) ठिकानों को निशाना बनाया है। इस साल जनवरी से यमन में यह उनका पांचवां साझा ऑपरेशन है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि लाल सागर और अदन की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय जहाजों पर हूती हमलों के जवाब में गुरुवार को करीब 13 हूती ठिकानों पर हमले किए गए। मंत्रालय ने बताया कि खुफिया सूचना पर अल हुदायदा के पास दो स्थानों के बारे में पुष्टि की गई थी कि उनका इस्तेमाल जहाजों पर हमलों में किया गया था। इन इमारतों के बारे में बताया गया था कि वहां हमलों में इस्तेमाल किये गये ड्रोन के ग्राउंड कंट्रोल यूनिट हैं और लंबी दूरी तक जाने में सक्षम ड्रोन के स्टोरेज की सुविधा है।
अंतरराष्ट्रीय जहाजों की सुरक्षा के लिए किए जाने वाले संयुक्त ऑपरेशन के खिलाफ लड़ाई के लिए वहां जमीन से हवा में मार करने वाले हथियार भी थे। इसके अलावा यमन के तट से दक्षिण में गुलयफिका में भी हूती ठिकानों की पहचान की गई थी, जिनका इस्तेमाल समूह जहाजों पर हमलों के लिए कमांड एंड कंट्रोल के रूप में कर रहा था। रॉयल एयर फोर्स के टाइफून एफजीआर4 विमानों ने तीन स्थानों पर लक्षित इमारतों पर पेववे आईवी गाइडेड बम गिराये।
नागरिकों को नहीं बनाया गया निशाना: ब्रिटेन
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमलों की योजना बनाते समय इस बात का ‘विशेष ध्यान’ रखा गया था कि ‘किसी नागरिक या असैन्य ढांचे को नुकसान न हो’। हूती के अल मसीरा सेटेलाइट न्यूज के अनुसार, एक हमले में दो लोग मारे गये और 10 अन्य घायल हो गये। ब्रिटेन और अमेरिका की संयुक्त कार्रवाई में इस साल 12 जनवरी से यह हूती ठिकानों पर पांचवां हमला है। हूतियों ने हाल के महीनों में लाल सागर और अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाजों पर हमले बढ़ा दिए हैं। वे गाजा में इजरायली हमले बंद करने की मांग कर रहे हैं जिसमें 36 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।
पिछले साल सात अक्टूबर को हमास के इजरायल में अचानक किये गये हमले में 1,200 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद इजरायल ने गाजा में सैन्य कार्रवाई शुरू की है। अमेरिकी समुद्री प्रशासन के अनुसार, नवंबर 2023 से अबतक हूतियों ने 50 जहाजों पर हमले किये हैं, एक जहाज को डुबो दिया है और एक पर कब्जा कर लिया है। हूतियों के डर के कारण लाल सागर और अदन की खाड़ी से जहाजों के परिवहन में कमी आई है।
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