वाशिंगटन (Washington)। चीनी जासूसी गुब्बारे (Chinese spy Balloons) को लेकर चीन और अमेरिका (US) में तल्खी और बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि अमेरिका ने चीन की छह कंपनियों को निर्यात ब्लैकलिस्ट (Export blacklist to companies) में डाल दिया है। अमेरिका (US) ने यह कदम चीन के जासूसी गुब्बारे (spy balloons) मामले के बाद उठाया है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने यह जानकारी दी है। जिन कंपनियों को अमेरिका ने ब्लैकलिस्ट किया है, उनका संबंध चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी से बताया जा रहा है। अमेरिका का कहना है कि चीनी सेना हाई एल्टीट्यूड बैलून्स का इस्तेमाल कर खूफिया गतिविधियां कर रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि इन कंपनियों में बीजिंग नानजियांग एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी समूह निगम 48वां अनुसंधान संस्थान, डोंगगुआन लिंगकोंग रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी, ईगल्स मेन एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुपकी कंपनी गुआंगजौ और शांक्सी ईगल्स मेन एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप कंपनियां शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस मामले से चीन और अमेरिका के रिश्ते खराब नहीं होंगे लेकिन यह अमेरिका की संप्रभुता का उल्लंघन है और अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसके खिलाफ सख्त कदम उठाएगा। अमेरिका ने दावा किया है कि अमेरिका द्वारा निशाना बनाए गए गुब्बारे का चीन की सेना के साथ सीधा संबंध है। साथ ही अमेरिका ने ये भी कहा है कि गुब्बारे का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा रहा था और चीन कई देशों में इसी तरह जासूसी करा चुका है।
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