वाशिंगटन। भारत में कई चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ हफ्तों बाद अमेरिका ने शुक्रवार को आदेश जारी किये कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वह लोकप्रिय चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉक और वीचैट पर रविवार से प्रतिबंध लगा रहा है। अमेरिका ने कहा कि वे देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिये पूर्वाग्रही थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक दिन पहले ही कहा कि वह चीनी स्वामित्व वाले वीडियो – शेयरिंग एप टिकटॉक के लिए अमेरिकी कंपनी ओरेकल की कथित बोली पर गौर कर रहे हैं , लेकिन वह सौदे को मंजूरी देने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता न हो। पिछले महीने ट्रंप ने टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए थे, जिसके तहत दोनों चीनी कंपनियां अपना स्वामित्व किसी अमेरिकी कंपनी को दे कर ही प्रतिबंध से बच सकती हैं।
चीन पर डेटा के दुरुपयोग का आरोप
वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति के निर्देश पर हमनें अमेरिकी नागरिकों के व्यक्तिगत आंकड़े एकत्र करने के चीन के दुर्भावनापूर्ण कृत्य से लड़ने के लिये महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जिससे हम हमारे राष्ट्रीय मूल्यों, लोकतांत्रिक नियमों पर आधारित मान्यताओं और अधिक आक्रामक तरीके से अमेरिकी कानूनों और नियमों को लागू कर पाएंगे।’’
वाणिज्य विभाग ने अन्य सोशल मीडिया एप को भी वीचैट या टिकटॉक के अवैध व्यवहार की नकल करने को लेकर चेतावनी दी है। राष्ट्रपति के पास अधिकार है कि क्या क्या ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिये अतिरिक्त आदेश की जरूरत है।
वित्तीय लेनदेन पर भी रोक
विभाग ने एक बयान में कहा कि अमेरिका ने 20 सितंबर से ऑनलाइन मोबाइल ऐप्लीकेशन स्टोर के जरिये अमेरिका में वीचैट या टिकटॉक मोबाइल ऐप, उनके घटक कोड या अप्लीकेशन अद्यतन की सेवा या वितरण को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके तहत अमेरिका में किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन पर भी रोक रहेगी।
इसमें कहा गया कि 20 सितंबर से वीचैट के लिये और 12 नवबंर से टिकटॉक के लिये अमेरिका में ऐसी किसी भी इंटरनेट होस्टिंग सेवा पर प्रतिबंध रहेगा जो इन मोबाइल ऐप्लीकेशन के संचालन का प्रावधान करती हों। इनमें कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क सेवा पर प्रतिबंध भी शामिल होगा जो उसे संचालन या उसके अनुकूलन के सक्षम बनाए। भारत ने 29 जुलाई को टिकटॉक, वीचैट और यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में 244 और चीनी ऐप पर भी प्रतिबंध लगाया गया था।
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