नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी (US Ambassador Eric Garcetti) ने कहा कि वह भारत के लोगों (People of India) को नसीहत देने नहीं, बल्कि उनसे सीखने और उन्हें समझने यहां आए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई दुनिया के भविष्य को आकार लेते देखना चाहता है, तो उसको भारत आना चाहिए। यहां कई मायनों में विश्व का भविष्य (Future of the world) गढ़ा जा रहा है।
स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda .) का जिक्र करते हुए गार्सेटी ने कहा कि विवेकानंद ने अमेरिका में उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक संघर्ष करो का जो संदेश दिया वही बेहतर भविष्य की ओर लेकर जाएगा। उन्होंने कहा, मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे अमेरिका के प्रतिनिधि के तौर पर भारत में काम करने का अवसर मिला है। मैं यहां किसी को नसीहत देने या सिखाने नहीं आया हूं, बल्कि सीखने और समझने आया हूं। आईपीई ग्लोबल (IPE Global) की तरफ से आयोजित नवाचार के प्रभाव और विकास की जमीनी हकीकत विषय पर आयोजित चर्चा में भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच तकनीक समेत तमाम क्षेत्रों में सहयोग ऊंचाइयों पर पहुंचा है।
भारत-अमेरिका अलग देश, लेकिन दिल एक
हाल के दिनों में भारत-अमेरिका के बीच रिश्तों में कई मुद्दों पर तनाव देखने को मिला है। खासतौर पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के फ्रीज खातों को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका को चेताया था कि भारत में आंतरिक मामलों में दखल के प्रयास न किए जाएं। बहरहाल, बुधवार को गार्सेटी ने भारत की जमकर तारीफ की है।
गार्सेटी ने कहा कि वह जब 18 वर्ष पहले हिंदी सीख रहे थे, तो उन्होंने अलग देश अलग रिवाज के बारे में पढ़ा और समझा, लेकिन अब उन्हें लगता है कि भारत और अमेरिका अलग देश लेकिन एक दिल हैं। दोनों के लक्ष्य एक हैं, मूल्य एक हैं।
नीति आयोग के पूर्व सीईओ व जी-20 में भारत के शेरपा रहे अमिताभ कांत गार्सेटी के साथ चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आईपीई ने दक्षिण-दक्षिण जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो सराहनीय है। कांत ने कहा कि भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान वैश्विक दक्षिण पर ध्यान केंद्रित किया।
पीएम मोदी भारत का चेहरा, अर्थव्यवस्था सुधारी
वरिष्ठ अमेरिकी सांसद ब्रेड शर्मन (US MP Brad Sherman) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की प्रशंसा करते हुए कहा है कि वह अपने कार्यों से दुनियाभर में भारत का चेहरा बन गए हैं। शर्मन ने भारत में 2014 से हुई आर्थिक प्रगति के लिए भी मोदी की प्रशंसा की। अमेरिकी सांसद ने कहा भारत और अमेरिका ने पीएम मोदी के कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत होते देखा है। रूस के साथ भारत के रक्षा संबंध, भारत-अमेरिकी रिश्तों के लिए एक चुनौती हैं। उन्होंने कहा, हमने भारत में आर्थिक प्रगति देखी है, जिनके चलते मोदी भारत का चेहरा बन गए हैं।
निवेश के लिए भारत उत्कृष्ट जगह
ब्रेड शर्मन ने कहा, हमने अमेरिका के सभी द्विदलीय कॉकस में भारत को सबसे अहम बनाया है। दोनों देशों में न सिर्फ रिश्ते मजबूत हुए हैं बल्कि व्यापार भी तेजी से बढ़ा है। निस्संदेह, भारतीय-अमेरिकी सबसे अधिक शिक्षित हैं और अमेरिका में सभी जातीय समूहों की तुलना में उनकी आय सबसे अधिक है। भारत निवेश के लिए उत्कृष्ट स्थान है और उन देशों की तुलना में व्यापार करने के लिए एक बेहतर जगह है जो लोकतांत्रिक नहीं हैं और जहां (चीन जैसे देश) कानून का स्थापित नियम नहीं है।
भारत-रूस संबंधों को अमेरिका के लिए बताया चुनौती
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के डेमोक्रेटिक सदस्य शर्मन ने कहा, मैं किसी देश की सफलता का श्रेय सिर्फ एक नेता को नहीं देता। मेरा मतलब है कि आपके पास 1.3 अरब से अधिक लोग हैं और वे सभी भारत को और अधिक सफल देश बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
भारत और अमेरिकी साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंची: सुलिवन
अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन ने कहा कि प्रौद्योगिकी व अन्य क्षेत्रों में सहयोग से भारत-अमेरिकी साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा, ब्रिक्स में शामिल देश भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग के कारण नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है।
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