न्यूयॉर्क। अमेरिका (America) के प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) (Securities and Exchange Commission (SEC) के पास किसी विदेशी नागरिक (Foreign citizen) को सीधे समन करने का कोई अधिकार नहीं है। सूत्रों ने बताया कि एसईसी को 26.5 करोड़ डॉलर (2,200 करोड़ रुपये) के कथित घूसखोरी के मामले में अदाणी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अदाणी (Gautam Adani) और उनके भतीजे सागर को उचित राजनयिक चैनल के माध्यम से समन भेजना होगा।
आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करें अदाणी-एसईसी
मामले के जानकार दो सूत्रों ने बताया कि एसईसी चाहता है कि अदाणी सौर ऊर्जा से संबंधित अनुबंध हासिल करने के लिए घूस देने के आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करें। लेकिन इसके लिए उसे अमेरिका में भारतीय दूतावास के माध्यम से अनुरोध भेजने और अन्य राजनयिक औपचारिकताओं के स्थापित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। उसके पास विदेशी नागरिकों पर कोई न्यायिक अधिकार नहीं है और वह उन्हें सीधे डाक से कोई नोटिस नहीं भेज सकता है।
एसईसी ने न्यूयॉर्क की अदालत में दायर समन
इस तरह के मामले 1965 हेग कन्वेंशन और भारत और अमेरिका के बीच पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के तहत आते हैं। इनमें ऐसे समन को भेजने में अपनाई जाने वाली स्थापित प्रक्रिया का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। सूत्रों ने बताया कि समन उस कानूनी दस्तावेज का हिस्सा है जिसे एसईसी ने न्यूयॉर्क की अदालत में दायर किया है, उसे वास्तव में अदाणी को भेजे जाने में कुछ समय लगेगा। अदाणी को अभी तक कोई समन नहीं भेजा गया है।
अदाणी के खिलाफ जांच की मांग
अमेरिका में लगे घूसखोरी के आरोपों के बाद गौतम अदाणी के खिलाफ जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में की गई कार्रवाई से भारतीय उद्यमी की ओर से किए गए कदाचार का खुलासा हो गया है। यह याचिका भारतीय कॉर्पोरेट दिग्गज की ओर से स्टॉक मूल्य में हेरफेर के आरोपों पर अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद में याचिकाओं के समूह में एक अंतरिम आवेदन के रूप में दायर की गई है।
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