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    उरुग्वे: यामांडू ओरसी नए राष्ट्रपति निर्वाचित, कड़े मुकाबले में वामपंथी खेमे को दी मात

  • November 25, 2024

    मोंटेवीडियो। उरुग्वे (Uruguay) के राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Elections Result) में रूढ़िवादी सत्तारूढ़ पार्टी (Conservative Ruling party) ने कड़ी टक्कर के बाद वामपंथी खेमे (Leftist camps) को मात दी। प्रतिद्वंद्वी और वर्तमान राष्ट्रपति लुईस लाकाले (President Louis Lacalle) ने जीत हासिल करने वाले प्रत्याशी यामांडू (Yamandu) को बधाई दी। यामांडू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद अब इस दक्षिण अमेरिकी देश की सत्ता में एक बार फिर ब्रॉड फ्रंट की वापसी हुई है। बता दें कि उरुग्वे की जनता ने रविवार को ही राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे चरण का मतदान किया, इसके बाद तेजी से मतगणना हुई और यामांडू को विजेता घोषित किया गया।


    ‘यामांडू को जीत की बधाई, सत्ता हस्तांतरण में मदद करेंगे’
    जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी यामांडू को बधाई देते हुए लुइस लैकेले ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले ओरसी यामांडू को फोन पर बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें हमारे देश के निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में बधाई देना चाहता हूं।’ लैकले ने कहा कि वे खुद भी सत्ता हस्तांतरण में यामांडू की मदद करना चाहते हैं।

    कड़े मुकाबले के बाद मिली जीत
    जीत की औपचारिक घोषणा से पहले रूढ़िवादी शासक दल और विपक्षी वामपंथी गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर हुई। पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रहे दोनों पक्षों के बीच दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद वोटों की गिनती कराई गई। राष्ट्रपति चुनाव में ताल ठोक रहे उम्मीदवार अल्वारो डेलगाडो को विगत 27 अक्तूबर को हुए मतदान के पहले दौर में 27 प्रतिशत वोट मिले थे। ब्रॉड फ्रंट के यामांडू ओरसी ने पहले दौर में 44 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। हालांकि, गठबंधन सरकार में शामिल कोलोराडो पार्टी जैसे अन्य रूढ़िवादी दलों ने सामूहिक रूप से 20 प्रतिशत वोट हासिल किए। इस कारण डेलगाडो को प्रतिद्वंद्वी यामांडू पर बढ़त मिल गई।

    परिणामों के लिए उल्टी गिनती शुरू
    मतदान समाप्त होने के साथ ही आधिकारिक परिणामों की घोषणा के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई। अधिकांश सर्वेक्षणों ने डेलगाडो और ओरसी के बीच लगभग बराबरी के मुकाबले का अनुमान लगाया गया था। अंतिम चरण में लगभग 10 प्रतिशत मतदाता अनिर्णीत हैं। स्थानीय जनता के मुताबिक उरुग्वे में मतदान अनिवार्य नहीं होता तो मतदान कम होता। ऐसे ही एक मतदाता- 31 वर्षीय वैनेसा गेलेजोग्लो ने कहा कि उन्हें किसी भी प्रत्याशी पर भरोसा नहीं। उनकी तरह कई और मतदाता हैं, जो वोट करने के लिए ‘अंतिम क्षण’ में अपना मन बनाएंगी।

    एक नजर 2019 के चुनाव पर
    खबरों के मुताबिक इस देश में स्वतंत्र मतदान फर्म त्वरित मतगणना करती है। चुनाव बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण होने के कारण देश के चुनाव अधिकारी कई दिनों तक अंतिम घोषणा करने से बचते हैं। 2019 के चुनाव काफी विवादास्पद रहा था, जिसमें केंद्र-दक्षिणपंथी राष्ट्रपति लुइस लैकेले को विजेता घोषित किया गया था। लैकेले के राष्ट्रपति बनने के बाद उरुग्वे में वामपंथी ब्रॉड फ्रंट का 15 साल का शासन समाप्त हुआ था।

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