नई दिल्ली। बेरोजगारी(Unemployment) पर आखिरकार सरकार का डेटा आ गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय National Statistical Office (NSO) ने शहरी बेरोजगारी का आंकड़ा जारी किया है. आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 की दिसंबर में खत्म होने वाली तीसरी तिमाही में शहरी बेरोजगारी दर घटकर 10.3% फीसदी रह गई है.
गौरतलब है कि काफी समय से एनएसओ ने बेरोजगारी का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया था. अभी तक ऐसे आंकड़े के लिए सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) जैसे निजी थिंक टैंक पर निर्भर रहना पड़ता था.
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की दिसंबर 2020 में खत्म तीसरी तिमाही में शहरी भारत में बेरोजगारी दर 10.3 फीसदी रही, जबकि इसकी पिछली यानी जुलाई से सितंबर 2020 की तिमाही में बेरोजगारी दर 13.2 फीसदी थी. आंकड़ों के अनुसार इसके एक साल पहले यानी दिसंबर 2019 में खत्म हुई तिमाही में बेरोजारी दर सिर्फ 7.8 फीसदी थी. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) द्वारा जारी तिमाही श्रम बल सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आई है.
दिसबर 2020 की तिमाही में देशभर में 15 साल या उससे ऊपर के लोगों की श्रम भागीदारी दर बढ़कर 47.3% हो गई, जबकि इसके पहले यह 47.2% थी. एनएसओ ने अखिल भारतीय स्तर पर शहरी इलाकों में अक्टूबर से दिसंबर 2020 की तिमाही में कुल 5,563 यूएफएस ब्लॉक में सर्वे किया है. सर्वे के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से जून की पहली तिमाही में सबसे ज्यादा 20.8 फीसदी की बेरोजगारी थी. यह एक ऐसा दौर है जब देश में कोरोना की कहर के बीच सख्त लॉकडाउन लगा हुआ था. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के मुताबिक किसी श्रम बल में बेरोजगार लोगों की संख्या को बेरोजगारी दर कहते हैं. आंकड़ों के अनुसार मार्च 2021 में खत्म तिमाही में 15 साल से ऊपर के लोगों में श्रम बल भागीदारी दर पूरे देश में 47.3 फीसदी थी, जबकि इसकी पिछली यानी दिसंबर 2020 में खत्म तिमाही में यह 47.2 फीसदी थी. एक साल पहले यानी दिसंबर 2019 की तिमाही में यह 47.8 फीसदी था. एक अन्य जानकारी के अनुसार 26 अगस्त से अब तक सरकार के e-Shram पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 27 लाख से ज्यादा कामगारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. यह पोर्टल इस साल 26 अगस्त को ही लॉन्च किया गया है. इस पोर्टल के द्वारा असंगठित क्षेत्र के कामगारों का डेटा बेस तैयार किया जाता है.