भोपाल। मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों के चुनाव फरवरी तक हो जाएंगे। चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। जल्द ही निर्वाचन कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा। इसको लेकर आयोग में बैठकों का दौर चल रहा है। माना जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब अगले साल ही आचार संहिता लगेगी। भोपाल से इशारा मिलते ही शहर में चल रहे विकास कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है और जो काम शुरू होने हैं, उसकी भी तैयारी रखने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक निकाय चुनाव को लेकर महापौर से लेकर वार्ड स्तर तक आरक्षण हो चुका है। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की तैयारी, अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण और कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जरूरी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं।
चुनाव एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची से कराया जाएगा
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि चुनाव एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची से कराया जाएगा। जिन निकायों की मतदाता सूची का पुनरीक्षण होना था, उनका अंतिम प्रकाशन 13 दिसंबर को हो चुका है। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए तय गया है कि किसी भी मतदान केंद्र में एक हजार से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। मतदान केंद्रों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सेनिटाइजर, मास्क और पर्याप्त शारीरिक दूरी का प्रबंध रहेगा। मतदाताओं को मतदान के लिए दास्ताने दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि चुनाव प्रक्रिया जनवरी से शुरू होकर फरवरी में पूरी हो जाएगी।
निकाय चुनाव कराने को लेकर सरकार की तैयारियां पूरी
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि निकाय चुनाव कराने को लेकर सरकार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अब राज्य निर्वाचन आयोग को अंतिम निर्णय लेना है। फरवरी तक चुनाव प्रक्रिया पूरी किए जाने की संभावना है। पहले कहा जा रहा था कि नगरीय निकाय चुनाव को लेकर इसी माह आचार संहिता लग सकती है। इसी को देखते हुए राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी और दावेदारों का हुजूम नेताओं के आसपास मंडराने लगा था। हालांकि अब भोपाल से जो संकेत आ रहे हैं, उसके अनुसार आचार संहिता इस माह तो नहीं लगेगी, क्योंकि निगम द्वारा किए जा रहे कई कार्य पूरे होने को हैं और उन्हें जल्दी पूरा करने के लिए कहा गया है, ताकि उनका शुभारंभ करवाया जा सके, जिसका लाभ भाजपा को निगम चुनाव में मिलेगा। ऐसे कार्यों की सूची बनाने के लिए भी कहा गया है। वहीं जिन कार्यों की स्वीकृति हो चुकी है और उनके टेंडर नहीं हुए हैं या फिर टेंडर होकर शिलान्यास नहीं हो पाया है, ऐसे कार्यों की सूची बनाकर उनका शिलान्यास जनप्रतिनिधियों से करवाने की भी तैयारी है। वैसे आज कलेक्टर के साथ-साथ निगम आयुक्त और अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी दौरा कर पुराने कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसी को लेकर माना जा रहा है कि अब अगले साल ही आचार संहिता लग सकती है। इसके पहले 25 दिसम्बर को इन्दौर में एक साथ कई विकास कार्यों का शुभारंभ और भूमिपूजन किए जाने की तैयारी थी।
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