भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर के थमते ही एक बार फिर से नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। प्रदेश की 407 नगरीय निकाय में से 347 में चुनाव होने हैं। चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 155 और दूसरे चरण में 192 नगरीय निकायों में मतदान कराया जाएगा। यह जानकारी गुरुवार को चुनाव को लेकर हुई आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग की समीक्षा बैठक में सामने आई। बैठक में निर्देश दिए गए कि निर्वाचन से संबंधित जो कार्यवाही शेष है, उसकी सूची बनाएं और प्रत्येक काम समय पर करें। तैयारी पूरी होते ही आम निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने आगामी चुनाव को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण और वैक्सीनेशन की स्थिति को देखते हुए अब आम निर्वाचन करवाया जाना संभव है। कोरोना के कारण पहले से ही चुनाव बहुत लेट हो चुके हैं। पहले नगरीय निकायों के चुनाव करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नई अमिट स्याही खरीदने के आदेश जल्द जारी करें। नगरीय निकायों में बनने वाले स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की व्यवस्था करें। कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन हर स्तर पर किया जाए।
347 नगरीय निकायों में होंगे चुनाव
बैठक में जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 407 नगरीय निकाय हैं। इनमें से 347 में आम निर्वाचन कराए जाना हैं। मतदान दो चरण में होंगे। पहले चरण में 155 और दूसरे चरण में 192 नगरीय निकायों में मतदान कराया जाएगा। महापौर या अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। इन 347 नगरीय निकायों में सभी 16 नगर निगम शामिल हैं। कुल 19 हजार 955 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। कुल अभी 60 नगरीय निकायों का कार्यकाल बाकी है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 3 मार्च 2021 को हो चुका है। नगरीय निकायों में मतदान ईवीएम से कराए जाएंगे।
पंचायत चुनाव 3 चरण में होंगे
पंचायत चुनाव को 3 चरण में करवाए जाने की बात कही गई। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पंच के 3 लाख 77 हजार 551, सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत सदस्य के 6 हजार 833, जिला पंचायत सदस्य के 904, उप सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के 313 और जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के 52 पदों का निर्वाचन कराया जाएगा।
मप्र में पार्षद ही चुनेंगे महापौर-अध्यक्ष
मप्र में अप्रत्यक्ष प्रणाली में महापौर और अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। शिवराज सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि नगरीय निकायों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही कराएं। यानी नगर निगमों में महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्षों को पार्षद चुनेंगे। दिग्विजय सिंह के कार्यकाल के वक्त भी महापौर और निकाय अध्यक्ष ऐसे ही चुने जाते थे। राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव पहले होंगे। इसके बाद पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आती है या फिर कमजोर होती है तो सितंबर-अक्टूबर में चुनाव करा लिए जाएंगे। इसके बाद पंचायत चुनाव कराने की तैयारी है।
चुनाव आयोग को पत्र भेज
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि सरकार ने नगरीय निकाय के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला लिया है। इसको लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र भेज दिया है। आयोग ने इस पत्र के आधार पर चुनाव प्रक्रिया को लेकर एक बैठक कर ली है। मध्य प्रदेश में 2015 तक महापौर-अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होते रहे हैं, लेकिन तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला किया था।
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