लखनऊ । उत्तर प्रदेश में पहला स्किन बैंक (UP’s First Skin Bank) किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में (In King George’s Medical University) जल्द ही बनेगा (Will soon be Built) और जले हुए मरीजों (Burn Patients) के शीघ्र स्वस्थ होने में (In Speedy Recovery) मदद करेगा (Helps) ।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. विजय कुमार ने कहा, “त्वचा और अन्य उपकरणों के परिवहन के लिए एक वॉक-इन-फ्रिज, वैन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। स्किन बैंक की योजना एक में है।” उन्होंने आगे कहा, “भवन के निर्माण कार्य के साथ-साथ बायो सेफ्टी कैबिनेट, स्किन डोनेशन व्हीकल, कोल्ड रूम, सीलर, शेकिंग इनक्यूबेटर, डमेर्टोम, वॉक-इन फ्रिज सहित अन्य उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है।” राज्य का पहला स्किन बैंक तीन से चार महीने में काम करना शुरू कर देगा और गंभीर रूप से घायल मरीजों के लिए वरदान साबित होगा।
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड का उपयोग करके स्किन बैंक विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “स्किन बैंक एक ऐसी जगह है, जहां दाता की त्वचा, ज्यादातर मृत्यु के बाद अंग दान करने की इच्छा रखने वालों की त्वचा को काटा और संरक्षित किया जाता है।” “बाद में इसका उपयोग गंभीर रूप से जले हुए रोगियों में ग्राफ्टिंग में किया जाता है, क्योंकि उनके शरीर पर आमतौर पर कोई जगह नहीं होती है, जहां से त्वचा को तेजी से उपचार के लिए गहरी जली हुई चोटों को कवर करने के लिए निकाला जा सके।”
उन्होंने बताया, “हम तीन सप्ताह तक त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए क्रायोप्रोटेक्टिव ग्लिसरॉल का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं और फिर डीप फ्रीजर की मदद से हम इसे तीन से छह महीने तक संरक्षित करने का प्रयास करेंगे।” एक अन्य फैकल्टी सदस्य, प्रो. भव्य नैथानी ने कहा, “अभी तक गंभीर रूप से जलने वाले रोगियों (55 प्रतिशत से अधिक) में संक्रमण होने की संभावना स्किन बैंक की अनुपस्थिति के कारण बहुत अधिक है।”
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