लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) को दोषी करार दिया है। उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन (code of conduct violation) का मुकदमा दर्ज था। बता दें कि वारंट से गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ था। आज दिन में कोर्ट में हाजिर होने के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। बाद में कोर्ट ने रीता बहुगुणा समेत पांच को सजा सुनाई गई है।
जानकारी के मुताबिक मामला 10 साल पुराना यानी वर्ष 2012 का है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव अधिकारी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि प्रचार खत्म होने के बाद भी उन्होंने प्रचार किया था। संबंधित जिले के अधिकारी ने उनके खिलाफ तहरीर दी थी।
रीता बहुगुणा जोशी उस वक्त कांग्रेस में थी। फिलहाल वह भागजा से जुड़ गई हैं। इसी मामले में कोर्ट से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुए थे। वे शुक्रवार को लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट में हाजिर हुई थीं। जहां कोर्ट की ओर से उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया गया। देर शाम उन्हें सजा भी सुनाई गई है।
विशेष एसीजेएम एमपी/एमएलए अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने कहा कि रीता बहुगुणा जोशी समेत पांचों लोग जिला प्रोवेशन अधिकारी के सामने जाकर 20-20 हजार रुपये के दो जमानती और इतनी ही धनराशि के व्यक्तिगत मुचलके दाखिल करेंगे। जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने सांसद रीता बहुगुणा जोशी, राम सिंह, संजय यादव, मनोज चौरसिया और प्रभा श्रीवास्तव को आदेश दिया है कि वे 30 दिन में जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष पेश होंगे।
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