इंदौर। एमआर 10 चौराहे के समीप खुले में कई मांस दुकानें संचालित होती थीं, जिन्हें निगम ने पिछले दिनों वहां से हटाया था और उनके लिए समीप ही आईडीए की जमीन पर नई अस्थायी दुकानें बनाने की तैयारी थी। कई लोग वहां पहुंच गए और मार्केट को लेकर हंगामा करने लगे। चालीस से ज्यादा दुकानें बनाई जाना थीं। निगम ने अब वहां के बजाए अन्य जगह पर जमीन ढूंढना शुरू कर दिया है। राज्य शासन के निर्देश के बाद पिछले दिनों नगर निगम स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने शहरभर में अभियान चलाकर सडक़ किनारे और हाट बाजारों में लगने वाली मांस की दुकानों को हटाने की कार्रवाई की थी। इससे प्रभावित कई परिवारों ने निगम के आला अधिकारियों से मिलकर उन्हें अस्थायी मार्केट में दुकानें दिए जाने की मांग की थी। इस पर निगम द्वारा एमआर 10 के समीप खाली पड़ी आईडीए की जमीन ढूंढी गई थी और वहां चद्दरों का शेड बनाकर मार्केट बनाने का काम शुरू कर दिया गया था।
कल दोपहर अचानक वहां कई किसान और क्षेत्रीय रहवासी पहुंचे और बनाए जा रहे अस्थायी मटन मार्केट को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी लगने पर स्वास्थ्य समिति के प्रभारी अश्विन शुक्ल और स्वास्थ्य अधिकारी डा. उत्तम यादव मौके पर पहुंचे तो रहवासियोंं ने उन्हें विरोध करते हुए शिकायत दर्ज कराई। बताया जाता है कि जिस जगह निगम अस्थायी मटन मार्केट बनवा रहा था, वहां की जमीन को लेकर भी विवाद की स्थिति है। निगम अधिकारियों का कहना है कि पूरे कैम्पस को कवर्ड कर मार्केट बनाया जा रहा था, ताकि रहवासियों को परेशानी न हो, लेकिन विरोध और विवादित जमीन की स्थिति को देखते हुए अब नए स्थान ढूंढे जा रहे हैं, जहां अस्थायी मार्केट बनाया जा सके और सडक़ किनारे मांस बेचने को वहां जगह दी जा सके। इसके लिए कुछ झोनलों से जानकारी भी मांगी गई है।
40 से ज्यादा स्थानों पर लगते हैं ऐसे अस्थायी बाजार
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक रिंग रोड से लेकर कई हाट बाजारों और प्रमुख मार्गों की सडक़ों के आसपास खुले में मांस बेचने की दुकानें अस्थायी तौर पर लगती हैं, जिसके कारण कई बार विकट स्थितियां बनती है और रहवासियों द्वारा शिकायतेंं की जाती हैं। अब निगम द्वारा ऐसे दुकानदारों के लिए अस्थायी मार्केट बनाने की तैयारी है, ताकि वो कवर्ड कैम्पस में दुकानें संचालित कर सकें। शुरुआती दौर में आठ से दस स्थानों पर इसके लिए जमीनें ढूंढी जा रही हंै और इसकी शुरुआत एमआर 10 से होना थी, लेकिन वहीं विवाद की स्थिति बन गई।
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