उज्जैन। कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के बाद आ रहे राखी के त्योहार को लेकर बाजार में चहल-पहल शुरू हो गई है। शहर के थोक बाजार से बड़ी संख्या में बाहर के व्यापारी खरीदारी करने आते हैं। इससे बाजार में उठाव आने लगा है। शहर के थोक व्यापारियों का कहना है कि पिछली बार से इस बार अच्छा उठाव है और खरीरदारी हो रही है।
उज्जैन में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 60 से अधिक व्यापारी राखी का थोक व्यापार करते हैं। होली का त्योहार निपटते ही राखी बनाने और बाहर से खरीदने की तैयारी शुरू हो जाती है। उज्जैन में गुरु पूर्णिमा से बाजार में उठाव आने लगता है। उज्जैन मध्यप्रदेश का ऐसा शहर हैं, जहां चारों ओर से व्यापारी खरीदारी करने आते हैं। यहां से ग्रामीण क्षेत्रों और बुंदेलखंड के शहरों तक के व्यापारी आते हैं, वहीं राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्र के खेरची व्यापारी भी उज्जैन से ही खरीदारी करते हैं। एक व्यपारी ने बताया कि पिछली बार से इस बार बाजार में अच्छा उठाव है और दिन में व्यापारियों की भीड़ बाजार में देखी जा सकती है। कई व्यापारी तो वाट्सएप पर सैम्पल देखकर ही माल मंगवा रहे हैं। पिछली बार ज्यादा खरीदारी नहीं हुई थी, इसलिए व्यापारियों के पास जो माल बचा था, वह भी समाप्त हो चुका है।
इस बार राखी का महत्व ज्यादा
कोरोना की दूसरी लहर में हजारों मौतें हुई हंै। जिस परिवार में गमी हो जाती है, उसकी पहली राखी पर बहनें विशेष तौर पर जाती हैं और एक दिन पहले गम की राखी बांधती हैं। दूसरे दिन शुभ घड़ी में राखी बांधी जाती है। व्यापारियों का कहना है कि इस बार इसलिए भी बाजार में राखी की डिमांड बढ़ गई है। हालांकि त्यौहार के शुभ मुहूर्त पर ऐसा उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए लेकिन सच्चाई यही है, सरकार तो मौत के आंकड़े छुपा रही है।
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