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सुबह थी भगवा वाहन रैली, देर रात को लगा रहे थे पोस्टर, इसी दौरान हुआ हमला
इन्दौर। देर रात को एक रैली (Rally) के लिए बैनर- पोस्टर लगा रहे भाजपा युवा मोर्चा ( BJP Yuva Morcha) के उपाध्यक्ष मोनू राजेंद्र कल्याणे (Monu Kalyane) की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या में दो लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, जो वारदात के बाद से फरार हैं। हत्या के बाद से मोनू के घर के बाहर भारी पुलिस बल लगा दिया गया है। भाजपा के नेता भी उसके परिवार को ढांढस देने के लिए मौके पर पहुंचे हैं।
उषा फाटक (Usha Phatak) के रहने वाले मोनू कल्याणे (Monu Kalyane) आज सुबह भगवा वाहन रैली निकालने वाले थे, जिसके चलते रात को समर्थकों के साथ वह चिकमंगलूर चौराहे के पास बैनर-पोस्टर लगा रहा था। इस बीच बाइक पर आए दो बदमाशों ने मोनू से उसका मोबाइल नंबर मांगा और वह जैसे ही मोबाइल निकालकर नंबर देखने लगा तो बाइक पर सवार पीछे बैठे हमलावर ने उस पर फायर कर दिया। गोली सीधे मोनू के सीने में जा धंसी। इसके बाद मोनू के समर्थकों ने बदमाशों को पकडऩे की कोशिश की तो उन्होंने उन पर भी 3 से 4 फायर किए और भाग गए। घायल मोनू को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया। मोनू के समर्थकों के अनुसार हमलावरों के नाम अर्जुन पिता कमल पथरोड़ और पीयूष पिता सुभाष पथरोड़ है। दोनों ही हमलावर एमजी रोड़ क्षेत्र में ही रहते हैं। यह बात सामने आ रही है कि मोनू और अर्जुन के बीच बीते कुछ दिनों से विवाद चला आ रहा था। मोनू के समर्थकों का कहना है कि अर्जुन सूदखोरी का काम भी करता है। मोनू के परिजन ने बताया कि मोनू घर में छोटा बेटा था। उससे बड़ा सोनू नगर निगम में नौकरी करता है। मोनू की शादी हो चुकी थी। उसका 10 साल का एक बेटा और तीन साल की बेटी है।
हत्या से पहले बोला था आरोपी- भैया कल हम भी आएंगे रैली में…
मोनू के समर्थकों का कहना है कि हमलावर मोनू के पुराने परिचित थे। घटना के दौरान आरोपी आए और कहने लगे कि भैया कितने बजे निकलेगी आपनी भगवा रैली। हम भी सुबह रैली में शामिल होंगे। इसके बाद उन्होंने मौका पाते ही हमला कर दिया।
मकान खाली कर धीरे-धीरे शिफ्ट हो रहे थे आरोपी
बताया जा रहा है कि आरोपियों का घर भी मोनू के मोहल्ले में ही है। एक आरोपी के मकान की शिफ्टिंग का काम चल रहा था। उसने घर का आधा सामान भी शिफ्ट कर लिया था, जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्या की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी।
परिजन और समर्थक बोले- दुश्मनी नहीं थी तो क्या फिर सुपारी देकर हत्या करवाई
मोनू के समर्थकों और परिजन का कहना है कि हमलावरों से मोनू की ऐसी कोई दुश्मनी नहीं थी, जिसके चलते उसकी हत्या कर दी जाए, ना ही हमलावरों से लेन-देन को लेकर कोई विवाद था। हां इतना जरूर सामने आ रहा है कि हो सकता है कि मोनू के बढ़ते राजनैतिक कद के चलते किसी ने उसकी सुपारी देकर हत्या करवाई हो, क्योंकि जिस वैपन से गोली चलाई गई थी, वह देशी कट्टा नहीं था। मौके से गोली का जो खोल मिला है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि .32 की वैपन से चली है। यह बात भी इस ओर इशारा कर रही है कि किसी ने मोनू की सुपारी देकर अर्जुन और पीयूष को हत्या करने के लिए राजी किया हो।
हत्या के बाद बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और आरोपियों के घर पर पहुंच गए, जहां कुछ लोगों ने आरोपियों के घर में आग लगा दी, वहीं वहां खड़ी गाडियों में छह गाडियों में पहले तोडफ़ोड़ की और फिर इन गाडिय़ों को आग के हवाले कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, जिसके बाद आग पर काबू पाया गया। क्षेत्र में सुबह से ही तनाव का माहौल बना हुआ है। क्षेत्र की दुकानें सुबह नहीं खुली थीं। पुलिस ने कोई घटना न हो, इसके लिए यहां बड़ी संख्या में बल तैनात किया है। बताते हैं कि आरोपी का परिवार घर छोडक़र भाग चुका है। पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश में लगी हुई है। बताते हैं कि आरोपी अर्जुन ब्याज पर पैसा देता था।
एक आरोपी को मोनू ने जमानत पर छुड़ाया था
मोनू के समर्थकों का कहना है कि हत्या में शामिल अर्जुन का नाम चोरी के एक मामले में आया था, जिसके बाद मोनू ने ही उसकी मदद की और फिर उसे कानून के पचड़े से बाहर किया था। एक आरोपी मोनू का भानजा भी लगता है। बताया जा रहा है कि मोनू पहले भाई सोनू की तरह नगर निगम में नौकरी करता था, लेकिन आकाश विजयवर्गीय जब विधायक का चुनाव लड़े तो मोनू ने चुनाव में काम किया था। धीरे-धीरे वह भी राजनीति की रैलियों में आने लगा और निगम की नौकरी छोड़ दी। जब आकाश विजयवर्गीय का निगम के अफसर के साथ बल्लाकांड हुआ था, उस दौरान मोनू भी वहां मौजूद था और तबसे उसने राजनीति में रुख कर लिया था।
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