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चंद्रयान-3 को लेकर आया अपडेट, 13 जुलाई को होगी लॉन्चिंग, ISRO चीफ बोले- 19 तक जारी रहेगा अभियान

July 03, 2023

नई दिल्ली। भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) 13 जुलाई 2023 को लॉन्‍च हो सकता है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग विंडो 13 से 19 जुलाई है। लॉन्चिंग पर इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ का कहना है कि हम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होंगे। लॉन्च का दिन 13 जुलाई है, यह 19 जुलाई तक जा सकता है। 13 जुलाई 2023 की दोपहर ढाई बजे मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया जाएगा।

लॉन्चिंग से जुड़े सवाल पर इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा, अभी चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण की अंतिम तिथि तय नहीं है। एजेंसी 13 से 19 जुलाई के बीच कोई तिथि तय कर सकती है। हम जल्द से जल्द किसी संभावित तिथि पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी रॉकेट एकीकरण का काम चल रहा है जो अगले दो से तीन में पूरा हो सकता है। उसके बाद परीक्षण कार्यक्रम चलेगा। जब सारे परीक्षण पूरे हो जाएंगे, तब प्रक्षेपण की अंतिम तिथि की घोषणा की जाएगी।

चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही फॉलोअप है
इस मिशन को GSLV Mark 3 लॉन्च वीकल की मदद से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। पहले कहा जा रहा था कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही फॉलोअप है। हालांकि इसरो एस सोमनाथ कह चुके हैं कि यह चंद्रयान-2 की रेप्‍लिका नहीं है। यान की इंजीनियरिंग एकदम अलग है। इसे पहले के मुकाबले बहुत मजबूत बनाया है, ताकि पुरानी परेशानियां सामने ना आएं। चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-III) द्वारा लॉन्च किया जाएगा। यह चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा।


अधिकारियों ने बताया कि चंद्रयान-2 के बाद इस मिशन को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग की क्षमता की जांच के लिए भेजा जा रहा है। चंद्रयान-2 मिशन आखिरी चरण में विफल हो गया था। उसका लैंडर पृथ्वी की सतह से झटके के साथ टकराया था, जिसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था। चंद्रयान-3 को उसी अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए भेजा जा रहा है। इसमें लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद उसमें से रोवर निकलेगा और सतह पर चक्कर लगाएगा।

चंद्रयान-2 के अधूरे मिशन को पूरा करेगा
चंद्रयान-3 के लैंडर में चार पेलोड हैं जबकि 6 चक्के वाले रोवर में दो पेलोड हैं। लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में लगे पेलोड को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे कि वैज्ञानिकों को उनकी मदद से चंद्रमा के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करने में मदद मिले।
प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर को चांद के कक्ष के 100 किलोमीटर करीब तक ले जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद ने चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को वही नाम देने का फैसला किया है जो चंद्रयान-2 के लैंडर और रोवर के नाम थे। लैंडर का नाम विक्रम होगा और रोवर का नाम प्रज्ञान होगा।

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