लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में साल 2017 विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में बड़ी जीत से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ट्रिपल तलाक (Triple Talaq) खत्म करने का फैसला किया था। ठीक उसी तरह पार्टी एक और वादे के साथ तैयार है, जिसमें कहा जा रहा है कि लड़कियों की शादी की उम्र को 18 साल से बढ़ाकर 21 साल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), दोनों ने प्रयागराज में मंगलवार को इस मुद्दे को उठाया।
यहां पीएम ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि इस बिल को कौन रोक रहा है। सभी धर्मों में एक समान तरीके से लागू होने वाले इस प्रस्तावित कानून को प्रभाव में आने में समय लगेगा, क्योंकि स्टैंडिंग कमेटी अभी इसपर विचार कर रही है। उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यकों में पहले ही यह मुद्दा काफी बड़ा है। समाजवादी पार्टी भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रही है, जिसमें पार्टी के दो लोकसभा मुस्लिम सांसद इसका विरोध कर रहे हैं. जबकि, पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव इसका समर्थन कर रहे हैं।
साल 2017 में जब भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 403 में से 325 सीटें अपने नाम की थी, तब पार्टी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। पार्टी ने 100 से ज्यादा ऐसी सीटों पर जीत दर्ज की थी, जहां मतदाताओं में मुस्लिम आबादी की 20 से 30 फीसदी की हिस्सेदारी थी। तब मायावती ने भी मुस्लिम प्रभाव वाली सीटों पर भाजपा के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने सवाल किया था कि कहीं ईवीएम तो हैक नहीं हुई हैं। देवबंद, मुरादाबाद और फूलपुर पवई जैसे इलाकों में अन्य पार्टियों के मुस्लिम उम्मीदवारों के खिलाफ भाजपा की जीत ने संभावनाएं तैयार कर दी हैं कि कुछ मुस्लिम महिलाएं भी भाजपा के लिए मतदान कर सकती हैं।
हालांकि, उज्जवला, शौचालय और मुफ्त आवास जैसी केंद्र की योजनाएं भी इसका एक कारण हो सकती हैं। एक थ्योरी यह भी है कि तीन तलाक के खिलाफ कानून लाने के भाजपा के वादे ने भी मुस्लिम महिलाओं को लुभाया था। प्रधानमंत्री और तब कानून मंत्री रहे रवि शंकर प्रसाद ने खुलकर कहा था कि एक कानून लाया जाएगा। आखिरकार बीजेपी 2019 में इस बिल को लेकर आई।
यूपी बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘शादी को लेकर आए कानून का भी मतदाताओं पर वैसा ही प्रभाव हो सकता है. पीएम और सीएम की तरफ से जिक्र के बाद प्रदेश भाजपा बड़े स्तर पर इसे अपने अभियान में शामिल करने पर विचार कर रही है। ट्रिपल तलाक का विरोध करने वाले अखिलेश यादव ने कहा था कि इसका इस्तेमाल ‘अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार की तरह होगा.’ लेकिन अब लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के फैसले का उन्होंने समर्थन किया है। यादव का कहना है कि उनकी पार्टी हमेशा महिला सशक्तिकरण का समर्थन करती है. उन्होंने शफीकुर्रहमान बर्क और एसटी हसन की तरफ से दिए गए बयानों से भी खुद को अलग कर लिया है।
बीजेपी को लगता है कि प्रस्तावित कानून को लेकर विपक्ष में पड़ी दरार जल्द ही सामने आएगी, जो उसके पक्ष में जाएगी. 2017 विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव, राज्य में महिला मतदाताओं ने भाजपा का काफी मजबूती से समर्थन किया है। पार्टी को महिलाओं का यह समर्थन खासतौर से कानून और व्यवस्था और कल्याणकारी योजनाओं के चलते मिला है। वहीं, सपा और कांग्रेस भी इस बार महिलाओं तक अपनी पहुंच बढ़ा रही हैं। ऐसे में मतदाताओं को अपने पक्ष में वापस लाने के लिए मैरिज लॉ भाजपा का नया हथियार हो सकता है।
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