लखनऊ। तकनीकी ने जहां बैंकिंग को आसान बनाया है, वहीं ठगों ने भी ठगी के नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं. अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में दो ऐसे अभियुक्तों की गिरफ्तारी (Giraftari) हुई है, जो भारत सरकार की वेबसाइट (WebSite) भूलेख से फिंगर प्रिंट (Finger Print) चुरा आधार कार्ड (Aadhar Card) के जरिए बैंक खातों (Bank Account) से पैसे गायब कर रहे थे. यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में मिली शिकायत के बाद एक्टिव हुई साइबर सेल (Cyber Cell) ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक लखनऊ साइबर सेल को एक शिकायत मिली थी कि एक व्यक्ति के बैंक खाते से 50 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं और यह रकम आधार कार्ड के जरिए निकाली गई है. पुलिस ने इस मामले में तहकीकात शुरू की. लखनऊ साइबर सेल ने इस मामले में बनारस से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अभियुक्त जौनपुर और आजमगढ़ के निवासी बताए जाते हैं.
संयुक्त पुलिस कमिश्नर (जेसीपी) क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों का नाम देवेंद्र और रमेश है. दोनों ने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि वे आधार कार्ड के माध्यम से फिंगर प्रिंट के जरिये फ्रॉड कर रहे थे. उन्होंने बताया कि ये लोग payinr नाम की कंपनी में काम करते थे जो AIPS यानी आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम पर काम करती है.
अभियुक्तों के पास इन कंपनी डिस्ट्रीब्यूशनशिप है जो आधार से फिंगर प्रिंट के माध्यम से लोगों को पैसा निकालने की सेवा प्रदान करते है. इसके लिए लोगों को ये आईडी पासवर्ड प्रोवाइड कराते थे. जेसीपी के मुताबिक इन्होंने पूछताछ में यह भी खुलासा किया है कि व्यक्ति का आधार कार्ड प्राप्त कर लेने के बाद ये भारत सरकार की वेबसाइट भूलेख पर अपलोड खसरा-खतौनी (जमीन के कागजात) से संबंधित व्यक्ति का फिंगर प्रिंट चुरा लेते थे. आधार कार्ड और फिंगर प्रिंट के सहारे इन आरोपियों ने सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाने का अपराध स्वीकार किया है.
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