• img-fluid

    UP : रेलवे नियमों की अनदेखी, टूटे स्लीपर पर तेज रफ्तार में दौड़ाई जा रहीं ट्रेनें, 110 किमी रहती है स्‍पीड

  • July 23, 2024

    गोंडा (Gonda) । गोंडा-मनकापुर ट्रैक (Gonda-Mankapur Track) पर संरक्षा नियमों को नजरअंदाज कर टूटे स्लीपरों (Broken Sleepers) पर यात्री ट्रेनों (Passenger Trains) को तेज रफ्तार (High Speed) में दौड़ाया जा रहा है। इस रूट पर यात्री ट्रेनें 110 किमी की अधिकतम रफ्तार से पास की जाती हैं। मोतीगंज-झिलाही के बीच पिकौरा गांव के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस (15904) हादसा पटरियों की हालत की गवाही दे रहा है। आलम ये कि ट्रैक पर तमाम स्पीपर टूटे पड़े हैं। इसके बाद भी इंजीनियरिंग विभाग के अभियंता इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। जानकारों के मुताबिक स्लीपर के बीच की 60 सेमी हो तो एक किमी में 1660 स्लीपर लगते हैं। वहीं, स्लीपर की दूरी अगर 65 सेमी है तो 1538 स्लीपर लगते हैं।

    पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा-बस्ती रेल रूट पर जगह-जगह पर टूटे स्लीपर देखते जा सकते हैं। कहीं-कहीं स्लीपर दरक गए हैं। बारिश में ट्रैक की निगरानी के लिए पेट्रोलमैन को लगाया गया है। पेट्रोलिंग में लगे कर्मचारी संबंधित अभियंताओं को इसकी जानकारी भी दे रहे हैं। यही नहीं किस किलोमीटर संख्या से किस पोल संख्या तक कितना स्लीपर टूटा हुआ है, इसका पूरा ब्योरा भी भेजा जा रहा है। फिर भी टूटे स्लीपर को बदलने के लिए अभियंता जहमत नहीं उठा रहे हैं।


    इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अफसर संरक्षा नियमों और यात्रियों के प्रति कितना संवेदनशील है। इन टूटे हुए स्लीपर पर लोडिंग गाड़ियां रेलवे की ओर से बराबर दौड़ाईं जा रही हैं। यही नहीं लंबी दूरी की सुपरफास्ट और एक्सप्रेस गाड़ियां भी तेज रफ्तार से इस टूटे हुए स्लीपर वाले ट्रैक पर तेज स्पीड से दौड़ती नजर आ रही हैं।

    बीच-बीच में चलाई जाती है पैकिंग मशीन
    ट्रैक को फिट रखने के लिए समय-समय पर पैकिंग मशीन से ट्रैक पर गिट्टियों की क्लीनिंग और पैकिंग की जाती है । इस मशीन से गिट्टियों की छनाई भी की जाती है । इसके बाद में ट्रैक की पैकिंग कर दी जाती है। जिससे ट्रेनों के संचालन में किसी प्रकार की रुकावट बीच में न आने पाए और गाड़ियों का संचालन निर्बाध गति से चलता रहे।

    जाड़े के मौसम में रहते ये खतरे
    -जाड़े के महीने में रेल फ्रैक्चर का खतरा रहता है
    -रेल बेल्ट फेलियर हो जाता है
    -स्टॉक रेल टूट सकता है
    -जाड़े में पटरी सिकुड़ जाती है

    गर्मी के मौसम में रहते ये खतरे
    -गर्मी में रेल फैलती है
    -बंधन सही न होने पर रेल टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है
    -रेल में बकलिंग से दुर्घटना का रहता है खतरा
    -टो-लोड कम हो जाने पर रहता है खतरा

    सीआरएस के सवाल से छूटा अफसरों के पसीना
    मोतीगंज झिलाही स्टेशन के बीच में पिकौरा गांव के पास हुई ट्रेन हादसे के कारणो की जांच शुरू हो गई है। रविवार को कई कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए। सोमवार को भी जांच का सिलसिला जारी रहा। संबंधित अफसरों से जब जांच टीम ने सवाल भी पूछे गए कि संबंधितों के पसीने छूट गए। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल अंतर्गत मोतीगंज-झिलाही के बीच पिकौरा गांव के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस (15904) हादसे का शिकार हो गई थी।

    रेलवे में हादसे की उच्चस्तरीय जांच के साथ सीआरएस जांच के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में शनिवार को सीआरएस प्रणजीव सक्सेना ने मौके का करीब चार घंटे तक मुआयना भी किया था। गोंडा से करीब 50 रेल कर्मियों को लखनऊ बुलाया गया था। जिसमें कुछ के बयान दर्ज करने के उपरांत सोमवार को भी जांच की प्रक्रिया चलती रही।

    Share:

    Athletes Bite Medal: ओलंपिक में मेडल को दांतों से क्यों काटते हैं एथलीट्स? जानिए वजह

    Tue Jul 23 , 2024
    नई दिल्‍ली । पेरिस ओलंपिक 2024 (paris olympics 2024)का आगाज इसी हफ्ते 26 जुलाई को होगा। यह गेम्स 11 अगस्त तक चलेंगे। इस बार ओलंपिक (Olympics)में भारत (India)के 117 खिलाड़ी भाग लेंगे। इनसे रिकॉर्ड मेडल (Record Medals)जीतने की उम्मीद है। मगर यहां हम कुछ जरा हटकर बात करने वाले हैं। यह किसी एथलीट के मेडल […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved