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    UP : क्‍या मैनपुरी संसदीय सीट से रघुराज सिंह शाक्य भाजपा को दिला पाएंगे जीत, यह है पार्टी की रणनीति ?

  • November 16, 2022

    इटावा । समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेता मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की यादव बाहुल्ल मैनपुरी संसदीय सीट (Mainpuri parliamentary seat) से भाजपा ने नेता (BJP leader) पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) को चुनाव मैदान में उतार दिया है. भाजपा की ओर से टिकट की रेस सबसे आगे रघुराज सिंह शाक्य बताए जा रहे थे.

    भाजपाई हाईकमान मानता है कि मुलायम सिंह यादव के ना रहने के बाद अब मैनपुरी सीट पर समाजवादी परिवार का असर कम होगा, जिसका फायदा भाजपा उम्मीदवार को मिल सकता है, लेकिन इसके ठीक विपरीत समाजवादी नेता ऐसा बताते है कि नेता जी के निधन के बाद सहानुभूति लहर का वोट डिंपल के खाते में जाएगा.

    सपा प्रमुख अखिलेश यादव और प्रो.रामगोपाल यादव ऐसा मानते है कि नेताजी के ना रहने के बाद सपा के खाते मे पहले के मुकाबले अधिक वोट मिलेगा. जबकि उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह साफ-साफ कहते हैं कि सपा नहीं भाजपा की जीत मैनपुरी ससंदीय सीट के चुनाव में होगी. नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी परंपरागत सीट मैनपुरी पर भाजपा जीत नीति पर काम कर रही है.


    रघुराज शाक्य 2012 में इटावा सदर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी, लेकिन 2017 के आम चुनावों में रघुराज का टिकट काट दिया गया, जिसके बाद खुद शाक्य और उनके सैकड़ों समर्थको ने सपा से इस्तीफा दे दिया था. सपा छोड़ने के बाद रघुराज सिंह शाक्य शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बन गए. रघुराज सिंह शाक्य 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लगातार दो दफा सांसद चुने गए.

    ऐसा कहा जाता है कि बेसक रधुराज शाक्य को समाजवादी पार्टी ने उन्हें 1999 और 2004 में संसदीय चुनाव में लड़ाया हो, लेकिन उनकी असल पैरोकारी शिवपाल सिंह यादव ने की थी, इसलिए रधुराज को शिवपाल को करीबी माना जाता है. रघुराज शाक्य को शिवपाल सिंह यादव का बेहद करीबी माना जाता है. भाजपा में शामिल होने के समय वे प्रसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर थे.

    मैनपुरी संसदीय सीट का अब तक का इतिहास इस बात की गवाही देता है कि भाजपा को आज तक इस सीट पर कामयाबी नहीं मिल सकी है, लेकिन भाजपा जीत का अंतर बेशक हटाने में कामयाब हुई है. 2019 में सपा बसपा गठबंधन में नेताजी मुलायम सिंह यादव करीब 95 हजार वोट से भाजपा उम्मीदवार प्रेम सिंह से जीते थे. मैनपुरी संसदीय सीट से जुड़ी जसवंतनगर, करहल और किशनी विधानसभा सीटों पर शिवपाल सिंह यादव, अखिलेश यादव और ब्रजेश कठेरिया के रूप में सपा का कब्जा है, जब कि मैनपुरी सीट और भोगांव सीट पर जयवीर सिंह और रामनरेश अग्निहोत्री भाजपा से विजय पा सके.

    बीजेपी की राज्यसभा सांसद गीता शाक्य कहती हैं कि राज्यसभा सदस्य बनने के बाद अपनी जाति के 9 फीसदी मतों को बीजेपी के पक्ष में लामबंद करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने राज्यसभा के लिए उनका चयन कर के अंत्योदय वर्ग को आगे बढ़ने का मौका दिया है. अपने राज्यसभा तक पहुंचने का श्रेय वो बीजेपी को देती हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी में जो काम करता है, पार्टी उसको सम्मान देने मे कभी भी पीछे नहीं रहती. शाक्य बाहुल्य इलाके से आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने इस जाति के किसी भी व्यक्ति को राज्यसभा नहीं भेजा है. बीजेपी ने उनके जरिए शाक्य जाति को यह सम्मान दिया है, जो उनके लिए गर्व की बात है.

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