प्रयागराज । यूपी लोक सेवा आयोग (UP Public Service Commission) के खिलाफ प्रतियोगी अभ्यर्थियों (competitive candidates) का आंदोलन लगातार दूसरे दिन भी जारी है. रविवार रात आयोग के दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में छात्र जुटे रहे और रातभर बोतलें पीटकर और नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज (Protest) कराते रहे. सोमवार सुबह 6 बजे राष्ट्रगान गाकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन की शुरुआत की, जिसमें महिला अभ्यर्थियों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया. रात में भी कई महिला अभ्यर्थी आयोग के दफ्तर के बाहर डटी रहीं. आज सुबह 10 बजे के बाद एक बार फिर आयोग कार्यालय के बाहर भारी भीड़ जुटने की संभावना जताई जा रही है.
पुलिस बल के साथ रैपिड एक्शन फोर्स भी तैनात
अभ्यर्थियों के आंदोलन के मद्देनजर आयोग कार्यालय के बाहर का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस बल के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) भी तैनात की गई है. बता दें कि प्रतियोगी छात्र यूपी पीसीएस 2024 और आरओ-एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षाओं को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि दो दिन परीक्षा कराने से नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के कारण उनके परिणाम पर असर पड़ेगा, जो उनके लिए नुकसानदेह साबित होगा.
अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से की बातचीत
देर रात पुलिस और आयोग के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों से बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास किया. अधिकारियों का कहना था कि यह बदलाव परीक्षाओं को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किया गया है. हालांकि, बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया और अभ्यर्थी अपनी मांग पर अड़े रहे.
क्या है अभ्यर्थियों की मांग?
अभ्यर्थियों का कहना है नॉर्मलाइजेशन का रूल लाने से कुछ अभ्यर्थियों को फायदा और कुछ को नुकसान मिलेगा. अभ्यर्थियों का तर्क है कि दो शिफ्ट में पेपर होने से नॉर्मलाइजेशन होगा जिसके कारण अच्छे अभ्यर्थियों को भुगतना होगा, अर्थात एक दो शिफ्ट में पेपर होने के वजह से एक शिफ्ट में सरल एक शिफ्ट में कठिन प्रश्न होंगे जिसके कारण आयोग नॉर्मलाइजेशन करने का काम करेगा जिससे अच्छे अभ्यर्थियों के छटने की संभावना रहेगी, साथ ही साथ भ्रष्टाचार बढ़ेगा. छात्र लगातार इसी का विरोध कर रहे है. उनकी मांग है कि पेपर एक शिफ्ट में हो और एक दिन में हो. वहीं, आयोग का कहना है कि हमारे पास केंद्र उपलब्ध नहीं है जिससे एक साथ 6 लाख अभ्यर्थियों का पेपर करवा सकें. अभ्यर्थियों का तर्क है कि इससे पहले आयोग इससे ज्यादा अभ्यर्थियों की परीक्षाएं करवाता आया है. यहां हम पूरे मामले में हो रहे अंतर्विरोध के बारे में बता रहे हैं.
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