बरेली (Bareilly)। क्रिकेट खेलने (play cricket) के दौरान 15 साल के छात्र (15 year old student) पर कोयला चोरी की जो रिपोर्ट हुई। उसका मुकदमा मुरादाबाद रेलवे कोर्ट (Moradabad Railway Court.) में 32 साल चला। महज 54 रुपये के कोयले (Coal costs just Rs 54) की चोरी पर वारंट जारी होते रहे और आरोपी को पता नहीं लगा। अब 32 साल बाद एक दिन की सजा के बाद माफीनामे पर केस खत्म कर दिया गया।
मामला 1992 का है। स्थानीय मेडिकल स्टोर के कर्मचारी विपिन उर्फ इमानवेल पॉल उस वक्त 15 साल के थे और हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। मामा सैमसन पॉल ने उन्हें गोद ले रखा था। विपिन ने बताया कि एक दिन साथी रॉबिंसन के साथ क्रिकेट खेलते हुए बॉल रेलवे के मालगोदाम की ओर चली गई। वे दोनों बॉल लेने गए तो आरपीएफ कर्मचारियों ने उन्हें कोयला चोर बताकर गिरफ्तार कर लिया। रिपोर्ट लिखकर दोनों को बच्चा जेल भेजा गया। दूसरे दिन मामा ने जमानत कराई।
मुरादाबाद से टीम आई तो पता लगा
विपिन के मुताबिक 16 मार्च की सुबह मुरादाबाद आरपीएफ के दरोगा विजेंद्र सिंह आए और बताया कि 1992 से उनके वारंट चल रहे हैं। उन पर करीब 54 रुपये का कोयला चोरी करने का आरोप है। पुलिस ने मुरादाबाद जेल में डाल दिया।
मालिक और सरकारी वकील ने की मदद :
मेडिकल स्टोर संचालक दुर्गेश खटवानी ने मुरादाबाद में रेलवे के मुकदमों की पैरवी करने वाले सरकारी वकील राजेंद्र टंडन से संपर्क साधा। टंडन ने रेलवे कोर्ट को हकीकत बताई। विपिन से जेल में ही माफीनामा लिखवाया गया। कोर्ट ने सभी पहलुओं पर गौर करके विपिन पर जुर्माना नहीं लगाने का फैसला किया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved