वाराणसी. उत्तर प्रदेश (UP) के संभल (sambhal) में 46 साल से बंद शिव मंदिर (Shiv Temple) का मामला अभी चर्चा में ही है कि अब वाराणसी (Varanasi) से भी ऐसा ही एक मिलता-जुलता मामला सामने आया है. दावा किया जा रहा है कि यहां मुस्लिम बहुल इलाके (Muslim-dominated area) में 10 साल से एक शिव मंदिर बंद पड़ा है. इस मंदिर को खुलवाने को लेकर पुलिस प्रशासन को एक पत्र दिया गया है, जिसके बाद इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
वाराणसी के जिस मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में मंदिर होने की बात कही जा रही है, वह दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में आता है. सोशल मीडिया पर बंद पड़े ‘मंदिर’ की तस्वीर वायरल होने के बाद सनातन रक्षक दल की तरफ से पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया है. इस पत्र में मंदिर को फिर से खुलवाने की मांग की गई है.
पत्र लिखकर मंदिर खुलवाने की मांग
बताया जा रहा है कि मंदिर मदनपुरा के मकान नंबर D-31 के चबूतरे के पास स्थित है. इस मंदिर पर पिछले एक दशक से ताला लटक रहा है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हुई थीं. जिसके बाद सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने पुलिस को एक पत्र लिखकर मंदिर का ताला खुलवाने की मांग की है.
मंदिर के अंदर मिट्टी भरी होने का दावा
मंदिर को लेकर पत्र मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची थी, जिसने जांच-पड़ताल के बाद पुलिस बल को तैनात कर दिया है. दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर लगभग ढाई सौ साल पुराना है, लेकिन पिछले एक दशक से मंदिर पर ताला लगा होने के कारण वह बंद है. बताया जा रहा है कि मंदिर के अंदर मिट्टी भरी हुई है.
मालिकाना हक पता करने की कोशिश शुरू
दावा यह भी किया जा रहा है कि इस मंदिर का जिक्र काशी खंड में है. मंदिर पुष्पदंतेश्वर से दक्षिण परम सिद्धिप्रद सिद्धिश्वर का है, जिसके पास ही सिद्धतीर्थ कूप भी है. हालांकि पुलिस की अब तक की जांच में यह पता नहीं चल सका है कि मंदिर का मालिकाना हक किसके पास है और मंदिर पर ताला किसने लगाया? इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि ये ताला कब लगाया गया है.
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