सहारनपुर (Saharanpur) । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांवड़ यात्रा मार्ग (Kanwar Yatra Route) पर होटल, ढाबा, फल और खान-पान की दुकानों पर मालिक का नाम (shops Owners Name) लिखने के योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi adityanath government) के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। 22 जुलाई को इस आदेश के आने के बाद भी कांवड़ मार्ग पर कई होटल और ढाबों मालिकों द्वारा चस्पा किए नाम के बोर्ड प्रतिष्ठानों से नहीं हटाए हैं। प्रतिष्ठान मालिकों का कहना कि उन्हें नाम परिवर्तन करने से कोई दिक्कत नहीं है। पुलिस की अपील पर उन्होंने स्वेच्छा से नाम चस्पा किए थे।
कांवड़ यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने कांवड मार्ग पर स्थित होटल, ढाबे व ठेले संचालकों को नाम चस्पा करने की अपील की थी। जनपद में कांवड मार्ग पर 75 से अधिक होटल व ढाबों पर नाम चस्पा किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने नाम चस्पा के मामले पर रोक लगा दी थी। हालांकि शहर के भीतर कुछ ठेले संचालकों व दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठानों से चस्पा किए गए नाम के बोर्ड हटा लिए थे। मंगलवार को रुडकी रोड से सिसौना के बीच हिन्दुतान की टीम ने पड़ताल की तो होटल और ढाबों पर चस्पा किए बोर्ड नहीं हटाए गए। संगम होटल के नाम से चलने वाले होटल मालिक ने प्रशासन की अपील पर नाम परिवर्तन सलीम शुद्व भोजनालय लिखा था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसने अपने नाम में कोई परिवर्तन नहीं किया है। इसी तरह कांवड मार्ग पर कई लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों पर नाम चस्पा किए हुए हैं। सहारनपुर में भी दुकानदारों ने दूसरे दिन नाम हटाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। ज्यादातर दुकानों पर हालात पहले की तरह सामान्य रहे। दुकानदारों का कहना है कि सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं देखने को मिली, लेकिन, नाम लिखने या न लिखने से किसी तरह का कोई प्रभाव अभी तक कारोबार पर नहीं पड़ता दिखाई दिया है। कांवड़ियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। व्यापारियों का कहना है कि जैसे-जैसे संख्या बढ़ेगी उसी के अनुसार कारोबार भी बढ़ेगा। व्यापारी सोनू का कहना है कि कांवड़ यात्रा के समय कारोबार नहीं सेवा भाव से काम किया जाता है।
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