जमशेदपुर। मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया (Sharp shooter Anuj Kannaujia) यूपी एसटीएफ (UP STF) के साथ एनकाउंटर में ढेर हो गया है। यूपी से ही पीछे पड़ी एसटीएफ का अनुज के साथ शनिवार की देर रात झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर (Jamshedpur) में एनकाउंटर हुआ। मुठभेड़ में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। यूपी पुलिस के डीएसपी डीके शाही को भी गोली लगी है। शनिवार की रात लगभग साढ़े 11 बजे गोविंदपुर इलाके में यह मुठभेड़ हुई। एसटीएफ को खबर मिली थी कि जनता मार्केट के पास एक घर में शूटर अनुज कन्नौजिया छिपा है। इसके बाद एसटीएफ ने घेरेबंदी की तो उसने बम भी फेंका। पुलिस और शूटर के बीच कई राउंड गोलियां चलीं। बाद में पता चला कि अनुज की मौत हो गई है। घायल डीएसपी को टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया है।
बताया जाता है कि तीन महीने से यूपी एसटीएफ शूटर अनुज की टोह लेते हुए जमशेदपुर में कैम्प किए हुए थी। इस बीच खबर लगी थी कि वह गोविंदपुर के जनता मार्केट स्थित भूमिहार सदन में छिपा हुआ है। एसटीएफ को खबर लगी कि रात में वह बाहर गया था। वह वापस लौटा ही था कि झारखंड एटीएस के साथ मौजूद यूपी एसटीएफ ने उसे पकड़ने के लिए घेराबंदी कर दी। इसी दौरान उसने पुलिस पर गोली चला दी। इसके बाद दोनों तरफ से करीब 25 राउंड ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हुई। इसमें अनुज ढेर हो गया और डीएसपी को गोली लगी।
बम से किया पुलिस टीम पर हमला
शातिर अनुज ने पुलिस की घेराबंदी से निकलने के लिए पुलिस पर बम से भी हमला किया। लेकिन बम फटा नहीं। मौके से पुलिस ने बम के अलावा गोली समेत अन्य हथियार बरामद किए हैं। अनुज मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बहलोलपुर गांव का निवासी था। दो दिन पहले ही यूपी डीजीपी की तरफ से अनुज पर ढाई लाख का इनाम घोषित किया गया था। इससे पहले अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन की ओर से उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख का इनाम घोषित था।
पांच साल से फरार चल रहे अनुज की तलाश में मऊ समेत अन्य जिलों की कई पुलिस टीमें लगी हुई थीं। अनुज पर यूपी के तीन जिलों मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ 23 मुकदमे दर्ज हैं। मऊ में 13, गाजीपुर जिले में 7 और आजमगढ़ में 2 मुकदमे दर्ज हैं। मऊ के दक्षिण टोला थाने में गैंगस्टर एक्ट में भी अनुज वांछित था।
यूपी में योगी की सरकार आने के बाद से ही मऊ सदर के विधायक रहे बाहुबली मुख्तार अंसारी और उसके परिवार के साथ ही गैंग पर शिकंजा कसा जा रहा था। पिछले साल बांदा जेल में ही मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके गैंग के कई शूटर भूमिगत हो गए थे। इससे पहले कि यह लोग दोबारा ताकत बढ़ाते यूपी एसटीएफ की टीमें इनके पीछे लगी थीं। मुख्तार अंसारी के जेल में रहने के दौरान भी अनुज ही अन्य शूटरों की भर्ती और हथियारों की तस्करी का काम संभाल रहा था। ऐसे में लगातार पुलिस इसको पकड़ने की जुगत में लगी थी।
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