नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद (MP Chandra Shekhar Azad) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को एक चिट्ठी (letter) लिखकर राज्य में जातिगत उत्पीड़न (Caste Persecution) की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पदाधिकारी और उन्होंने स्वयं अनुभव किया है कि वंचित वर्ग के उत्पीड़न के मामलों में स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन का रवैया अधिकतर मामलों में अत्यंत असंवेदनशील या आरोपी पक्ष की ओर झुकाव का होता है.
चंद्रशेखर ने अपनी चिट्ठी में कहा कि ऐसे में जब देश के संविधान ने जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति को उचित प्रतिनिधित्व देने की व्यवस्था की है, यह स्थिति न सिर्फ अधिक चिंताजनक बल्कि अस्वीकार्य भी है.
एफआईआर अगर दर्ज भी हो जाए तो…!
आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर ने आगे ने उन समस्याओं का भी जिक्र किया जो अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को पुलिस थानों में अपनी शिकायत दर्ज करवाने के दौरान आए दिन झेलनी पड़ती हैं. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अक्सर पीड़ितों को FIR दर्ज कराने से मना कर दिया जाता है. यहां तक कि कई बार FIR दर्ज भी हो, तो उसमें कमजोर धाराएं लगाई जाती हैं या पीड़ित की तहरीर के साथ छेड़छाड़ की जाती है.
सीएम से सख्त कार्रवाई की मांग
सांसद ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए और आरोपियों पर कड़ी नजर रखी जाए. उन्होंने जोर देकर कहा कि एक सभ्य समाज के निर्माण में ऐसी स्थिति न केवल बड़ी रुकावट है बल्कि पीड़ादायक भी है. उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को सजा देने की ठोस प्रणाली बनानी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी वंचित वर्ग को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सरकार को सभी नागरिकों को समान न्याय और सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर रहना चाहिए. चंद्रशेखर आजाद ने यह निवेदन किया कि जो भी व्यक्ति इन मामलों की रिपोर्ट करता है, उसे संरक्षण मिलना चाहिए ताकि वे बिना डर के अपनी आवाज उठा सकें.
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