नई दिल्ली (New Delhi)। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के आवास पर शुक्रवार शाम को कोर कमेटी की बैठक हुई. यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली. लेकिन इस दौरान हाल के आम चुनाव में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन पर कोई बातचीत नहीं हुई. चुनावी नतीजे की समीक्षा के लिए बीजेपी (BJP) ने 40 नेताओं (40 leaders) का एक टास्क फोर्स (task Force) बनाया है।
यूपी में विधानसभा की 10 सीटों पर उप चुनाव हो सकते हैं. इनमें से 9 विधायक हैं जो अब लोकसभा के सांसद बन गए हैं. कानपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफ़ान सोलंकी को कोर्ट से सजा हो गई है. ऐसे में उनकी विधानसभा की सदस्यता जा सकती है. वैसे ये मामला अभी हाई कोर्ट में है।
समाजवादी पार्टी के पास 5 सीटें
बाक़ी जिन 9 सीटों पर उप चुनाव हो सकते हैं, उनमें से 5 सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं. जबकि 3 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर आरएलडी का कब्जा था. लोकसभा चुनाव में ख़राब प्रदर्शन के बाद बीजेपी हर हाल में उप चुनाव में अच्छा करना चाहती है. इसीलिए बैठक में इस पर लंबी चर्चा हुई. इसमें कहा गया कि अगली बैठक में चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम का पैनल तय हो।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ा था एमएलसी पद
स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ते समय एमएलसी से भी इस्तीफा दे दिया था. पिछला विधानसभा चुनाव वे हार गए थे. इसके बावजूद अखिलेश यादव ने उन्हें एमएलसी बना दिया. लेकिन अखिलेश से अनबन के बाद लोकसभा चुनाव से पहले दोनों अलग हो गए. उनके इस्तीफ़े के बाद विधान परिषद की इस सीट पर उप चुनाव होगा।
कोर कमेटी की बैठक में तीन नेताओं का पैनल तैयार
कोर कमेटी की बैठक में तीन नेताओं का पैनल तैयार किया है. बैठक में आम सहमति से फ़ैसला हुआ कि पिछड़े समाज से किसी नेता को टिकट मिले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जितिन प्रसाद अब सांसद बन गए हैं. वह मोदी सरकार में मंत्री हैं. उन्हें विधान परिषद में यूपी सरकार की तरफ़ से नामित किया गया था।
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