प्रयागराज। प्रतियोगिता में जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण उसमें हिस्सा लेना होता है, ये नसीहत कई कार्यक्रमों में अतिथि खिलाड़ियों को अक्सर देते रहते हैं लेकिन जब खिलाड़ियों को उनके हुनर का सम्मान (respect for skill) नहीं मिलता है तो वे मायूस हो जाते हैं। कुछ इसी तरह की टीस नन्हीं धाविका काजल निषाद (Little Runner Kajal Nishad) की है। पिछले वर्ष मैराथन (run in marathon) में हिस्सा लेने के बावजूद जब उसकी मेधा को उचित सम्मान नहीं मिला तो वह इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से करने के लिए दौड़ते हुए लखनऊ रवाना हो गई।
पिछले वर्ष नवंबर महीने में आयोजित 36 वीं इंदिरा मैराथन में आकर्षण का केंद्र रही नौ वर्षीय काजल निषाद सम्मान और प्रोत्साहन न मिलने के कारण निराश है। वह इसकी शिकायत करने रविवार को सुभाष चौराहे से दौड़ते हुए लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए निकल पड़ी। उसके साथ कोच रजनीकांत भी शामिल हैं।
चार घंटे 22 मिनट में पूरी की थी 42 किमी इंदिरा मैराथन
काजल ने बताया कि वह रात में ठहराव लेते हुए तीन दिन बाद लखनऊ पहुंचेगी और मुख्यमंत्री से प्रशासन व क्रीड़ा अधिकारी की शिकायत करेगी। नन्हीं धाविका काजल ने अपनी इस यात्रा को प्रयागराज टू लखनऊ अल्ट्रा मैराथन का नाम दिया है। काजल का आरोप है कि उसने इंदिरा मैराथन में बड़े बड़े धावकों के बीच दौड़ लगाई थी और चार घंटे बाइस मिनट में 42 किलोमीटर की दौड़ पूरी की थी, जबकि कई बड़े धावक अपनी दौड़ तक पूरी नहीं कर पाए थे।
उसकी इस उपलब्धि की बड़ी तारीफ हुई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से उसे कोई सम्मान या प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई थी। मांडा की रहने वाली काजल इससे पहले भी प्रयागराज के सुभाष चौराहे से दिल्ली के इंडिया गेट तक का सफर दौड़ते हुए 16 दिनों में पूरा करके सुर्खियां बटोर चुकी है।
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