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    UP : संभल की जामा मस्जिद के श्रीहरिहर मंदिर होने का दावा, कोर्ट के आदेश पर दो घंटे तक चला सर्वे

  • November 20, 2024

    संभल. यूपी (UP) में संभल (Sambhal) की जामा मस्जिद (Jama Masjid) के श्रीहरिहर मंदिर (Shri Harihar temple) होने का दावा किया गया है. इसको लेकर हिंदू पक्ष (Hindu side) ने कोर्ट (court) में याचिका लगाई थी. मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर सर्वे किया गया. एडवोकेट कमीशन की टीम ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की. इस दौरान माहौल तनावपूर्ण रहा. मुस्लिम पक्ष ने याचिकाकर्ता को मस्जिद में प्रवेश से रोक दिया, जबकि मस्जिद के बाहर भारी भीड़ नारे लगाती नजर आई.

    मंगलवार की दोपहर चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट में पेश किए गए दावे पर अदालत ने संभल की जामा मस्जिद के एडवोकेट कमीशन का आदेश जारी किया. इसके बाद मंगलवार शाम को एडवोकेट कमीशन की टीम मस्जिद का सर्वे करने के लिए पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जामा मस्जिद पर पहुंची. यहां एडवोकेट कमीशन के साथ ही हिंदू पक्ष और मस्लिम पक्ष के वकील की मौजूदगी में मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई. इसके बाद करीब दो घंटे तक टीम ने सर्वे किया.


    अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और काशी की ज्ञानवापी का केस कोर्ट में दायर होने के बाद अब यूपी के संभल में स्थित जामा मस्जिद को पूर्व में श्रीहरिहर मंदिर होने का दावा किया गया है. मंगलवार की दोपहर लगभग एक बजे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने संभल जिले की चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिका लगाई थी. इस पर कोर्ट ने दो घंटे के अंदर ही दोपहर 3 बजे एडवोकेट कमीशन कराने का आदेश जारी कर दिया था.

    इसके बाद मंगलवार शाम 6:15 बजे एडवोकेट कमीशन रमेश सिंह याचिकाकर्ता महंत ऋषिराज गिरी और सुप्रीम कोर्ट से आए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और मुस्लिम पक्ष के वकील के अलावा डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भारी पुलिस और वीडियोग्राफी टीम के साथ जामा मस्जिद पहुंचे.

    इसके बाद एडवोकेट कमीशन की टीम दोनों पक्षों के अधिवक्ता और पुलिस प्रशासनिक अफसरों और वीडियोग्राफी टीम के साथ मस्जिद के अंदर दाखिल हुई. इस दौरान मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता महंत ऋषिराज गिरी को मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद में दाखिल होने से रोक दिया.

    एडवोकेट कमीशन की टीम ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई. टीम ने मस्जिद के अंदर कई तस्वीरें सर्वे के पहले दिन ली हैं. लगभग पौने दो घंटे तक मस्जिद के अंदर सर्वे के बाद रात 8 बजे एडवोकेट कमीशन की टीम बाहर आई.

    संभल की कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमीशन की टीम द्वारा जामा मस्जिद में सर्वे की जानकारी मिलते ही मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद पहुंच गए. जब टीम सर्वे करने पहुंची तो उस समय भी काफी भीड़ मस्जिद में मौजूद थी. टीम अंदर सर्वे कर रही थी, लेकिन इसी दौरान मस्जिद की दूसरी तरफ भीड़ ने धार्मिक नारे लगाए.

    इसके बाद सीओ अनुज चौधरी और सीओ आलोक सिद्धू ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को शांत करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ शांत नहीं हुई. भीड़ इकट्ठा होकर मस्जिद के मुख्य दरवाजे पर भी पहुंच गई. इस पर एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने मस्जिद से बाहर आकर पुलिस फोर्स को साथ लेकर लोगों को समझाकर आसपास से हटाया.

    सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने क्या बताया?
    सर्वे के दौरान मौजूद रहे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि संभल की सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई. अभी इसमें काफी चीजें अधूरी रह गई हैं और बहुत सारे फीचर्स की स्टडी होना बाकी है. कोर्ट के आदेश के अनुपालन में यह कार्यवाही अभी आगे बढ़ेगी और इस कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए हम लोग प्रशासन को अब प्रत्यावेदन देंगे.

    अधिवक्ता ने कहा कि कानून व्यवस्था की दृष्टि से मैं अभी काफी चीजों को नहीं बता सकता हूं. प्राथमिक तौर पर अभी सर्वे में क्या कुछ मिला है, इसकी जानकारी अभी नहीं दे सकता हूं, लेकिन आज केवल कोर्ट के आदेश के अनुपालन में एडवोकेट कमीशन ने कार्यवाही शुरू कर दी है. सर्वे के दौरान जिस तरह से यहां पर माहौल बनाया गया, वह माहौल उचित नहीं था. कोर्ट के द्वारा 7 दिन में एडवोकेट कमीशन करने जैसी कोई बात नहीं लिखी गई है.

    हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि यह नॉन इनवेजिव सर्वे है, इसमें केवल फोटोग्राफर और कैमरामैन अंदर गए थे. इसके अलावा जिला मजिस्ट्रेट और प्रशासन की टीम यहां मौजूद थी, लेकिन मस्जिद कमेटी के लोग बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद थे, जिनके लिए अंदर मौजूद होने की अनुमति नहीं थी.

    सर्वे के दौरान वे (मुस्लिम पक्ष) लोग भी मौजूद थे. दोनों ही पक्ष सर्वे के दौरान मौजूद थे. दोनों ही पक्षों की मौजूदगी में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी हुई है. कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन की तरफ से जो भी जरूरी कदम थे, वे उठाए गए हैं, लेकिन इसके आगे का काम एडवोकेट कमिश्नर का है. कोर्ट के आदेश के अनुपालन में आगे किस तरह से काम होना है, इसके लिए हम प्रशासन को प्रत्यावेदन देंगे.

    सर्वे के दौरान सपा सांसद और सपा विधायक के पुत्र के मौजूद रहने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट के आदेश में ऐसा कुछ नहीं था कि उनको वहां पर मौजूद रहना था. इस समय ऐसी बहुत सारी बातें हैं, जिनको मैं नहीं बोलना चाहता हूं, इतना बताना चाहता हूं कि काफी संख्या में अंदर और बाहर लोग मौजूद थे, जो न ही कोर्ट के ऑर्डर की मंशा थी और न ही ऐसा कोई डायरेक्शन था. आगे कितना काम होना है, हम प्रशासन को प्रत्यावेदन देकर सहयोग मांगेंगे.

    जामा मस्जिद के सदर क्या बोले?
    जामा मस्जिद के सदर एडवोकेट जफर अहमद ने बताया कि टीम ने पूरी जामा मस्जिद का सर्वे किया है, जिसमें हम लोग भी उनके साथ मौजूद थे. हमने सहयोग किया है. हम इस केस के प्रतिवादी हैं और हमें इसका नोटिस तामील कराया गया है, लेकिन सर्वे में ऐसी कोई आपत्तिजनक चीज नहीं पाई गई है, जिसमें किसी तरह का कोई संदेह हो. कोर्ट ने जो आदेश दिया था, वह 7 दिन में सर्वे करने का दिया था, लेकिन एडवोकेट कमिश्नर के द्वारा अपनी कुछ मजबूरी बताई गई, इसलिए ही वह अभी सर्वे के लिए आए थे.

    संभल के डीएम बोले- हम लोगों ने मौजूद रहकर सुरक्षा उपलब्ध कराई है
    सर्वे के दौरान मौजूद रहे डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि सर्वे एडवोकेट कमीशन के द्वारा किया गया है. इसमें मुकदमे के वादी और दूसरे पक्ष के होने वाले प्रतिवादी भी मौजूद थे. हम लोगों ने मौजूद रहकर सुरक्षा उपलब्ध कराई है. एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे किया है, इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करेंगे. अभी सर्वे पूरा हो गया है, लेकिन भविष्य में उनका सर्वे की आवश्यकता पड़ेगी तो वह कोर्ट में जाएंगे और सर्वे करेंगे.

    कोर्ट के आदेश पर नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह जाधव ने बताया कि अभी हमारा सर्वे बाकी है और अभी तक कोई भी मेजरमेंट नहीं हुआ है. कोर्ट ने हमें एक हफ्ते में रिपोर्ट देने के लिए कहा है तो हम कभी भी सर्वे के लिए जा सकते हैं.

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