नई दिल्ली (New Delhi)। उत्तर भारत की जेलों (Prisons of North India) में बंद कुख्यात गैंगस्टरों को अंडमान निकोबार की कालापानी (Kalapani) वाली जेल (Jail) में शिफ्ट किया जा सकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ये मांग गृह मंत्रालय के सामने रखी है। इस मामले पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारियों की गृह मंत्रालय से विस्तार से चर्चा हो चुकी है।
बता दें कि पंजाब समेत उत्तर भारत की जेलों में बैठकर अपना आतंकी नेटवर्क चला रहे खूंखार गैंगस्टरों और आतंकियों पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नई रणनीति पर काम शुरू किया है। योजना के तहत बड़े अपराधियों और गैंगस्टरों को अंडमान निकोबार द्वीप समूह की जेलों में शिफ्ट किया जाएगा।
विदित हो कि एनआईए ने पिछले साल अगस्त में जब जेलों से चल रहे गैंगस्टरों और आतंकियों के नेटवर्क का खुलासा किया था, उस समय ही इन अपराधियों को दक्षिणी राज्यों की जेलों में शिफ्ट करने की योजना बनाई थी। हालांकि, इस योजना को सिरे चढ़ाने में कई मुश्किलें आ रही थीं, क्योंकि कई राज्यों से इसके लिए मंजूरी आदि लेनी पड़नी थी।
ऐसे में प्रोजेक्ट उस हिसाब से आगे नहीं बढ़ पा रहा था, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एक केंद्र शासित प्रदेश है। यह सीधे केंद्र सरकार के अधीन काम करता है। इसके अलावा डिब्रूगढ़ की जेल पर भी विचार किया जा रहा है, क्योंकि वह अति सुरक्षित जेलों में से एक है। यहां उन आरोपियों को रखा गया है, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर भारत की जेलों में गैंगस्टर और आतंकी अपना नेटवर्क चला रहे है। जेलों में हुए गैंगवार में चार से ज्यादा गैंगस्टरों की जान जा चुकी है। इसके अलावा आरोपी जेलों से ही इंटरव्यू आदि दे रहे हैं। इस चीज पर रोक लगाने के लिए सारी कोशिश की जा रही है।
उत्तर भारत में गैंगस्टरों की कमर तोड़ने की कोशिश
उत्तरी भारत में गैंगस्टरों का चलन काफी बढ़ गया है। विदेशों में बैठे गैंगस्टर अपने गुर्गों के जरिये अपराध की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमला, तरनतारन थाने पर आरपीजी हमले में भी यह बात साफ हो चुकी है। ऐसे अब एनआईए उत्तर भारत के सभी राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर काम करने की रणनीति बना रही है।
एनआईए के डायरेक्टर जनरल दिनकर गुप्ता ने कुछ दिन पहले इसी चीज को ध्यान में रखकर उत्तरी भारत के राज्यों के पुलिस अधिकारियों से बैठक कर रणनीति बनाई है। इससे पहले आठ बार एनआईए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में छापे मार चुकी है। करीब 27 गैंगस्टरों की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं।
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