लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने एक आदेश पारित कर (Passing an Order) खेतों में बाड़ लगाने के लिए (To Fence the Fields) कांटेदार या ब्लेड के तार (Barbed or Blade Wire) के इस्तेमाल (Use) पर फिर रोक लगा दी है (Again Banned) । आदेश में कहा गया है कि किसान अपने खेत को सुरक्षित करने के लिए कंटीले तारों की जगह सादे तार या रस्सी का इस्तेमाल करें। यह फैसला गो सेवा आयोग की एक बैठक के बाद लिया गया, जहां यह चर्चा की गई थी कि कांटेदार तार की बाड़ जानवरों को घायल कर रही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (पशुपालन) रजनीश दुबे द्वारा सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा गया है कि 7 अगस्त, 2017 को गो सेवा आयोग की बैठक के बाद सभी जिलाधिकारियों को दो निर्देश जारी किए गए, पहला 16 मार्च 2018 को और फिर 13 जुलाई, 2021 को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसान अपने खेतों में बाड़ लगाने के लिए ब्लेड के तारों या कांटेदार तारों का उपयोग न करें। इसके बजाय, उन्हें इस उद्देश्य के लिए रस्सियों या साधारण तारों का उपयोग करने की सलाह दी गई।
नए आदेश में कहा गया, “मवेशियों की सुरक्षा के मद्देनजर किसानों द्वारा ब्लेड के तारों और कांटेदार तारों के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। इन्हें एक ऐसी प्रणाली से बदला जाना चाहिए जो जानवरों को नुकसान न पहुंचाए। जिलाधिकारियों को आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ समुचित कार्रवाई करनी चाहिए।”
एक महीने पहले भाजपा सांसद और पशु कार्यकर्ता मेनका गांधी ने भी इस संबंध में एक पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि लगभग 3 लाख आवारा मवेशी अभी भी खुले में घूम रहे हैं और सरकार मार्च 2023 तक उन्हें पशु आश्रयों में लाने के लिए समानांतर अभियान चला रही है।
इन शेल्टरों में पहले से ही करीब आठ लाख आवारा मवेशी हैं। नोटिस में आगे कहा गया है कि सभी जिला मुख्यालयों में 24 घंटे का पशु चिकित्सालय चालू होना चाहिए। इन अस्पतालों में बारी-बारी से पशु चिकित्सकों और कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की जाए।
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