नई दिल्ली। मेरठ से प्रयागराज (Meerut to Prayagraj) के बीच फर्राटेदार सफर (Fast journey) के लिए तेजी से पुल-पुलियों और ओवरब्रिज (Bridges and overbridges) का निर्माण चल रहा है। मेरठ से प्रयागराज के बीच इस तरह के कुल 1481 स्ट्रक्चर का काम हो रहा है, जिस पर वाहन दौड़ेंगे। इनमें से 1258 स्ट्रक्चर का निर्माण पूर्ण हो चुका है। शेष में युद्ध स्तर पर काम जारी है। मेरठ जिले में पुल-पुलियों और ओवरब्रिज (Bridges and overbridges) का 94 प्रतिशत काम हो चुका है। मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे (Meerut-Prayagraj Ganga Expressway) को शासन ने दिसंबर-2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य दिया है। इसके लिए चार बड़ी कंपनियों के माध्यम से निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
594 किलोमीटर के गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ के बिजौली से प्रयागराज के बीच कनेक्ट करने के लिए छोट-बड़े पुल, पुलियों और ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है। इस तरह के कुल 1481 स्ट्रक्चर के बीच गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। यूपीडा का दावा है कि 1481 में से 1258 स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो चुके हैं। इस तरह ओवरऑल 85 प्रतिशत स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो चुके हैं। अब उन्हें जल्द फाइनल टच दिया जाना है। लोडिंग टेस्ट होगा, जिसमें कुछ महीने लग जाएंगे। इस आधार पर दावा किया जा रहा है कि करीब छह महीने बाद 594 किलोमीटर का सफर छह घंटे में तय हो सकेगा।
मेरठ में 94 प्रतिशत पुल-पुलिया तैयार
मेरठ जिले के 14.950 किलोमीटर क्षेत्र में 94 प्रतिशत पुल-पुलिया, ओवरब्रिज आदि का काम हो चुका है। मेरठ जिले में इस तरह के कुल 37 स्ट्रक्चर में से 35 का काम हो चुका है। हापुड़ में 83 में से 77, बुलन्दशहर में 27 में से 25, अमरोहा में 65 में से 57, संभल में 95 में से 79 और बदायूं जिले में 15 में से 12 स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो चुके हैं। गंगा पर पर एक बड़े पुल का काम तेजी से चल रहा है। मेरठ में काली नदी, हापुड़ जिले में सिंभावली में बड़ा स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो चुका है।
स्ट्रक्चर होता है महत्वपूर्ण
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगी एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी बड़े प्रोजेक्ट में सबसे पहले जमीन चाहिए। जमीन उपलब्ध हो जाए तो उसके बाद बड़े स्ट्रक्चर का काम होता है। यह काम हो गया है कि जमीन पर सिविल निर्माण आसान हो जाता है। यही कारण है कि गंगा एक्सप्रेसवे को अगले छह महीने में चालू करने की योजना है।
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